सोचा कई बार हमने की लिखने बैठ जाए ,
फिर सोचा क्यों न पहले सिखने बैठ जाए .
एक से एक दिग्गज बैठे हैं हम तो एक कतरा हैं ,
हाँ गर जिद पे आ जाए , फिर तो हम खतरा हैं .
19 नवम्बर 2015
सोचा कई बार हमने की लिखने बैठ जाए ,
फिर सोचा क्यों न पहले सिखने बैठ जाए .
एक से एक दिग्गज बैठे हैं हम तो एक कतरा हैं ,
हाँ गर जिद पे आ जाए , फिर तो हम खतरा हैं .
धनयवाद ! चंद्रेश जी
29 दिसम्बर 2015
उत्तम !
19 नवम्बर 2015