वक्त से आज अभी मुलाकात हुई मेरी,
कहने लगा, देरी से बहुत खफा हूँ तेरी.
जो जब करना था तब तूने नहीं किया,
सुधर जा,गलतियां हो चुकी है बहुतेरी.
जाग जा आलस को कह कि भाग जा,
मेहनत से किस्मत चमक जाएगी तेरी.
रुकना नहीं अब झुकना भी नहीं कहीं ,
तभी तो होगी मंजिल से पहचान तेरी.
कुछ नया कर बातें दिल की बयां कर,
साथ चल दोस्ती होगी गहरी तेरी मेरी.