आते आते वो एक ख्याल सा रह गया,
पल पल वो जबाव सवाल सा रह गया.
किनारों का तो सिर्फ हुआ था एहसास ,
लेकिन वजूद हमारा लहरों सा बह गया .
बनाया था जो आशियाना उम्मीदों का ,
तिनका तिनका हर सपनो सा ढह गया.
हमको ख़ामोशी से जब भी हुआ प्यार,
जाने कब वो कुछ बेगानो सा कह गया.
बिखरे हुए हैं जज्बात हमारे चारों तरफ
टुकड़ा टुकड़ा दर्द दीवानो सा सह गया .