मेरी सभी आदतों से वाकिफ है मेरी एक आदत ,
भटक भी जाऊ , रास्ता दिखा देती है वो आदत .
न सोचता हूँ न ही कुछ समझने की कोशिश की ,
माँ ने सच के साथ चलने की सिखाई थी आदत .
चल रहा हूँ चलता रहूंगा ,गलत कभी न करूंगा ,
मुझे जान से भी ज्यादा प्यारी है सिर्फ ये आदत .
सीख कभी न छोडूंगा ,कोई वादा भी न तोडूंगा ,
माँ कही हर बात , मेरे लिये बन चुकी है इबादत