ईशवर तेरी लीला तो अपरम पार है ,
जो हारता वो करता तुझ पर वार है .
जो जीत जाए तेरी असीम कृपा से ,
उस पर तो हर पल अहम सवार है .
गलती करता रहता इंसान उम्र भर ,
फिर भी सजा में प्राणी का उध्दार है .
हे प्रभु तेरी लीला सिर्फ तू ही जाने ,
हम तो ये माने तेरा बहुत उपकार है .
अच्छा - बुरा तेरी नजर में सब एक हैं ,
निष्पक्ष करता रहता तू हमसे प्यार है .
तु अन्तरयामि ,सबका तू ही है स्वामी ,
हर चीज में तू ,तू ही तो निराकार् है .
हमें अपनी शरण में ही रखना हे प्रभु ,
तेरे ही हैं बच्चे ,तू ही हमारा आधार है .