मां
रोके नहीं रूक रहे हैं, ये बिल्कुल भी नहीं सुन रहे हैं मां, पलकों को मात दे रहे हैं,चाहकर भी नहीं छुप रहे हैं मां.बहुत कोशिश की बहलाने की,प्यार से भी सहलाने की,सब सीमाएँ तोड़ कर,अांखों को छोड़ कर,बह रहे हैं मां.इनको रहने दो, हमें कुछ कहना था वो आज कहने दो, तुम उठो, यूं ना तुम रूठो,ख़ामोशी ना सह पा रह