जिंदगी तेरी बुरी लत लग चुकी है अब हमें ,
जब तक आती नहीं यार मौत दवा बनकर ।
24 नवम्बर 2015
जिंदगी तेरी बुरी लत लग चुकी है अब हमें ,
जब तक आती नहीं यार मौत दवा बनकर ।
मौत की नहीं लत छुड़ाने वाली दवा की बात कर रहे हैं .
24 नवम्बर 2015
क्या नीरज जी , इंजीनियर हो कर मौत की बात करते हैं ।..
24 नवम्बर 2015