प्यार एक सागर है, ये गागर में सागर भी है यारो,
रोज कुआँ खोदना रोज पानी पीना नहीं है यारो.
मालूम है इसे अधजल गगरी छलकत जाये यारो.
बूँद बूँद करके घड़ा भरता है,ये बढ़ता जाये यारो.
इसका कंगाली में आटा गीला नहीं होता है यारो,
एक फूल से माला नहीं बनती, ये बनाता है यारो.
लोहे से लोहा कटे,हथियार ये खुद ही तो है यारो.
आप सुखी तो जग सुखी, ये खुश ही रहे है यारो.
सूरदास की काली कमरिया चढ़े न दूजो रंग यारो,
चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात नहीं है यारो.
हथेली पर दही नहीं जमता,ये जमाना जाने यारो.
राई का पर्वत बनाये,ताज यूं ही नहीं बना है यारो.
आग लगने पर कुआँ खोदना उचित नहीं है यारो,
उपदेश देने से खुद करना भला, प्यार ही है यारो.