सपनो को कहो , रात तक यहाँ से भाग जाएं
सुबह दोपहर होने वाली है अब तो जाग जाएं
कडी मेहनत और इमानदारि की हसीन धुन पर
कामयाबि मिलेगी कोशिश को ऐसे राग सुनाएं
एक दूसरे का पीछा करना चलो अब छोड़ देते हैं
मजा आ जाए कुछ वैसे अपने सब्ज बाग़ बनाएं
चलते चलते कई जानकार भी मिलेगें इसी राह में
मौक़ा मिलते ही उनसे उनके अनुभव मांग लाएं
मंजिल करीब आ जाएगी ,किस्मत खुल जाएगी
महक जीत की होगी ,हार के जब पराग् सजाएं .