हमें आज जलना है तपना है ,बेहतर हसीन कल के लिए ,,
निखर जाएगें हम आने वाले हर एक हसीन पल के लिए .
हर एक पल को निचोड़ के जाना है इस बेहतरीन जहां से ,
चाह बुझती नहीं , प्यास बरकरार रखें गंगा जल के लिए ..
हमें दिल की धरती में , दिमाग की राह पे चलते जाना है ,
अपने लिए नहीं , जीना है हर एक उलझन के हल के लिए .
कल हो सकता है रहें न हम , किस बात का है हम को गम ,,
कमबख्त कौन जीया और जी रहा है नाचीज फल के लिए .
हर तरफ बहे सच्चाई , अच्छाई और ईमानदारी की धार .
हाज़िर है तन मैन और धन ,ऐसे एक अमूल्य नल के लिए .
और कितना तरसे हम प्रभु तुम्हारी साक्षात शक्ल के लिए ?