एक पन्ना लिखा तो दूसरा कलम की तरफ देखने लगा,
मैंने कलम को रखा तो घूम कर उस तरफ देखने लगा.
लिखूं तो क्या लिखूं और किस के लिए, बताओ मैं लिखूं,
हर एक चेहरा एक दूसरे के चेहरे की तरफ देखने लगा.
सब इधर उधर की बातों में लग गए पलक झपकते ही,
वो पन्ना कहां छूट गया, अकेला मैं उस तरफ देखने लगा.
सोच रहा था वो तब बाकि सब तो चलो पराएं है यहाँ पर,
ये तो अपना है, सब को छोड़ कर मेरी तरफ देखने लगा.
मै पहले घबराया फिर देखा उसको तो अदब से मुस्कुराया,
विश्वास दोनों की आंखों में ,हर कोई उस तरफ देखने लगा.