चाहा जब भी अपनों का साथ ,
उठे एक साथ कई हज़ार हाथ .
अपनापन ढूंढो मत, खुद ही अपना बन जाओ,
हकीकत चाहने लगे तुम भी सपना बन जाओ.
30 जनवरी 2016
चाहा जब भी अपनों का साथ ,
उठे एक साथ कई हज़ार हाथ .
अपनापन ढूंढो मत, खुद ही अपना बन जाओ,
हकीकत चाहने लगे तुम भी सपना बन जाओ.