जब जब चाहा तुझको प्रभु तब तब पाया है ,
कितनी अनोखी और बेहतरीन तेरी माया है .
जो हैं भक्ति में , विश्वास है शिव व् शक्ति में ,
कैसे भूलें प्रभु कण कण में तू ही समाया है .
चारों और जब होने लगे पाप और अत्याचार् ,
समय आने पर सब मिटाने प्रभु तू आया है .
तेरा ही जलवा ,हटा जब अज्ञान का मलवा ,
खोया जिसने खुद को ,तो प्रभु तुझे पाया है .
आत्मा और परमात्मा कभी अलग नहीं हुए ,
मत् सोच रे प्राणी , कहीं धुप कहीं छाया है ,
चलो बुलावा आया है ,भगवान ने बुलाया है !!