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राम प्रसाद " बिस्मिल "

19 जून 2020

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साल - दिसंबर 1916 इंडियन नेशनल कांग्रेस का लखनऊ में राष्ट्रीय सम्मेलन इस समय तक कांग्रेस में नरम और गरम गुट अपने-अपने स्तर पर सक्रिय थे। कांग्रेस के इस अधिवेशन में स्वागताध्यक्ष पं० जगत नारायण 'मुल्ला' ने प्रोटोकाल जारी करते हुए हर बड़े नेता के लिए चारबाग पर मोटर कार का इंतजाम किया था लेकिन शाहजहाँपुर का एक लड़का स्टेशन के सामने कहीं से एक बग्घी ले आया और कुछ उत्साही युवकों के साथ कहने लगा कि लोकमान्य तिलक जी कार से नहीं जाएंगे। बड़े कांग्रेसी नेता उसे समझाने की कोशिश कर ही रहे थे लेकिन तभी ट्रेन आ गई। लोकमान्य के जय-जयकार के नारे से अब चारबाग गूँजने लगा था। एकदम से युवकों की संख्या बढ़ चुकी थी, सबने तिलक के पैर छुए और बग्घी पर बैठने का अनुरोध किया। लोकमान्य भी मान गए लेकिन उसी वक़्त बग्घी में से घोड़े हटा दिए गए। अब वो सारे युवक बारी-बारी से बग्घी खींचते जा रहे थे और पूरे लखनऊ में तिलक जी की शोभायात्रा निकली। तिलक जी ने बीच मे उस नेतृत्वकर्ता से पूछा, 'कितनी उम्र है,' वो बोला - 17 साल। तिलक जी शांत हो गए तो फिर उसने खुद दोहराया - 'नाम है राम प्रसाद।'

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