छठ गीत
🕉️ॐ घृणि सूर्याय नमः !! 🕉️
मेरे प्यारे अलबेले मित्रों !
बारम्बार नमन आपको🙏
लोक आस्था के पवित्र पावन पर्व के
शुभ सुअवसर पर
मैं अपनी भजन गायन मंडली के साथ
आपके समक्ष उपस्थित हूँ ।
भजन सरोवर में गोता लगाने के लिए
आपका हार्दिक अभिनंदन है💐💐🙏🙏
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एक शिक्षित बेरोज़गार युवक की पत्नी
भगवान भास्कर से विनती कर रही है।
तर्ज़-काँचहिं बांस के बहँगिया...
फेरीं ना आदित्यमल नजरिया,
सुनीं विनती हमार-2
दूर करीं मन के अन्हरिया,
लउके सगरो अन्हार-2 ।। टेक ।।
बीए पास कइके आदित्यमल,
सइयाँ बाड़े बेरोज़गार-2
गहनागुरिया बेचीं के पढ़वनी,
पढ़ल भइले बेकार-2
कलपतचलस बबुआबबुनियाँ,
मिटल चैन करार-2
दूर करीं मन के अन्हरिया,
लउके सगरो अन्हार-2 ।।
दिनोदिन बढ़ले महँगिया,
हरदम तेज़ी में बाजार-2
लइकन लेके जाईं हम कहवाँ,
साड़ीबिना देहिया उघार-2
हल करीं हमरो सवलिया,
जिअल भइले बेकार-2
दूर करीं मन के अन्हरिया,
लउके सगरो अन्हार-2 ।।
हमरो के रहिया देखाईं,
कई दिहिं मन उजियार-2
जनमे के मनसा पूराईं,
मिले सुखवा अपार-2
रउवे में लगइनीं हम नेहिया,
सुधि लिहिं ना हमार-2
दूर करीं मन के अन्हरिया,
लउके सगरो अन्हार-2 ।।
अंजनीआज़ाद के विनतिया,
क दीं ईहे उपकार-2
लगवादिहिं कइसनो नोकरिया,
सुख पावे परिवार-2
सावन अस बरसे नयनवाँ,
रउवे प्राण के आधार-2
दूर करीं मन के अन्हरिया,
लउके सगरो अन्हार-2 ।।
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🕉️🕉️🙏ॐ घृणि सूर्याय नमः🙏🕉️🕉️
अंजनी कुमार आज़ाद,आरा, पटना,बिहार