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ॐ नमो भगवते वासुदेवाय !!
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मेरे प्यारे अलबेले मित्रों !
बारम्बार नमन आपको 🙏🙏
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मैं अपनी भजन गायन मंडली के साथ
आपके समक्ष उपस्थित हूँ !
भजन सरोवर में गोता लगाने के लिए
आपका हार्दिक स्वागत है 💐💐🙏🙏
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भजन प्रेमी मित्रों !
बात द्वापर युग की है जब कंस का अत्याचार
चरम सीमा पर था।तब प्रकृति की व्यवस्था
संतुलित करने के उद्देश्य से जीवन के लिए
संघर्ष करने वाले सभी देवताओं,
ऋषियों-मुनियों,साधु-संतों ने
एक सभा की । उसमें ब्रह्मदेव जी को
सर्वसम्मति से नेता चुना गया और उनको
“त्राहिमाम सन्देश” लेकर श्रीहरि विष्णु जी के पास सत्यलोक भेजा गया । वहाँ पहुँचकर उन्होंने
“त्राहिमाम सन्देश” सुनाया।
तब श्रीहरि विष्णु जी ने
धरती का भार उतारने का आश्वासन दिया !!
अब हम आपको कंस के कारागार में लिए चलते हैं जहाँ उसने अपनी प्यारी बहन देवकी और बहनोई वसुदेव जी को काल कोठरी में बंद किया हुआ है।
कंस ने उनके अभी तक छः संतानों को जन्म लेते हीं मार डालने का दारुण दुःख दिया था।सातवें गर्भ को योगमाया ने वसुदेव जी की पहली पत्नी रोहिणी जी के गर्भ में संकर्षित कर दिया था।
अब आठवें गर्भ पर कंस की पैनी नजर थी।
सोचिए उस माँ पर क्या गुजरती होगी !!🤔🤔
शोक संतप्त देवकी जी प्रभु को पुकार रही हैं,
विलाप कर रही हैं 😢😢
वसुदेव जी धीरज बँधा रहे हैं फिर भी माँ तो
माँ होती है।देवकी जी के सब्र का बाँध
टूट गया और....
आँ हाँ हाँ हाँ
कवनी कसूर कईनी अतिना हम दुःख पईनी
भईया काहे भईले दुसुमानावाँ गोसइयाँ ।। टेक।।
आँ हाँ हाँ हाँ
कवनी हम आस लेके जिअब अब नाथ जी हो
अईसन काहे भोगिला भोगनवाँ गोसइयाँ।।
आँ हाँ हाँ हाँ
बड़ा रे लाढ़-प्यार से हमरा के रखलन हो
भईया काहे डलले जेहलखानावाँ गोसइयाँ।।
आँ हाँ हाँ हाँ
एकs एकs करी ऊ तs मरलस पपिया हो
मरलस छहो सनतानावाँ गोसइयाँ ।।
आँ हाँ हाँ हाँ
फाटsता करेजावा बरसsता नएनवाँ हो
काई हमार लिखलs करमवाँ गोसइयाँ ।।
आँ हाँ हाँ हाँ
प्रेम से बोलिए विष्णु भगवान की जय
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🕉️🕉️🙏🙏जय श्री कृष्ण🙏🙏🕉️🕉️
अंजनी कुमार आज़ाद,आरा,पटना,बिहार