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ॐ नमो भगवते वासुदेवाय !!
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मेरे प्यारे अलबेले मित्रों !
बारम्बार नमन आपको 🙏🙏
मैं अपनी भजन गायन मंडली के साथ
आपके समक्ष उपस्थित हूँ !
भजन सरोवर में गोता लगाने के लिए
आपका हार्दिक स्वागत है 💐💐🙏🙏
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भजन प्रेमी मित्रों !
बात द्वापर युग की है जब कंस का अत्याचार चरम सीमा पर था। तब प्रकृति की व्यवस्था संतुलित करने के लिए जीवन के लिए संघर्ष करने वाले सभी देवताओं, ऋषियों-मुनियों,साधु-संतों ने एक सभा की । उसमें ब्रह्मदेव जी को सर्वसम्मति से नेता चुना गया और
उनको “त्राहिमाम सन्देश” लेकर
श्रीहरि विष्णु जी के पास सत्यलोक भेजा गया ।
वहाँ पहुँचकर उन्होंने
“त्राहिमाम सन्देश” सुनाया :-
विनती करी बार-बार जगत के आधारसिंधु,
दीनन के यार तनि दया दरसाईं ना !
करुणा के सागर नटनागर उजागर प्रभु ,
धरम के बगिया में रस बरसाईँ ना !!
अद्धम के उद्धारण के दुष्ट के संहारण के,
संतहित कारण अवतार लेके आईं ना !
धरमनाथ मुक्तिनाथ हमनी के दे दीं साथ,
हमनी अनाथन के नाथ लजिया बचाईं ना !!
“त्राहिमाम सन्देश” सुनकर
श्रीहरि विष्णुजी ने उद्घोषणा की :-
सभ देवन से जा कही दs होओओओओ
सभ देवन से जा कही दs चतुरानन जी समुझाई के ।
धरती के हम भार उतारब नन्द-भवन में जाई के ।।टेक ।।
वर देले बानी,बानी हम ओही इंतजार में,
देवकीसंगवसुदेवजीबानी कंस के कारागार में,
उनुके गरभ से आईब पहिले होओओओओ
उनुके गरभ से आईब पहिले संगहीं सभ जुटाई के ।
धरती के हम भार उतारब नन्द-भवन में जाई के ।।
कारागृह में आईब बाकिर गोकुला में पलाईब,
भक्तिरसभरल घर-घर के माखन-मिश्री खाईब,
वृन्दावन में रास रचाईब होओओओओओओ
वृन्दावन में रास रचाईब मुरली मधुर बजाई के ।
धरती के हम भार उतारब नन्द-भवन में जाई के ।।
जेकरा चले के लालसा होखे चले गोकुलाधाम जी,
सभसेपहिले“लहरीदास”ओहिजा गईले बलराम जी,
सत्य सनातन धर्म के रक्षा होओओओओओओओ
सत्य सनातन धर्म के रक्षा करब शंख बजाई के ।
धरती के हम भार उतारब नन्द-भवन में जाई के ।।
प्रेम से बोलिए विष्णु भगवान की जय
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🕉️🕉️🙏🙏जय श्री कृष्ण🙏🙏🕉️🕉️
अंजनी कुमार आज़ाद,आरा,पटना,बिहार