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ॐ नमो भगवते वासुदेवाय !!
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मेरे प्यारे अलबेले मित्रों !
बारम्बार नमन आपको 🙏🙏
आप सबको श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की
हार्दिक शुभकामनाएँ और
ढेरों बधाइयाँ💐💐💐💐
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मैं अपनी भजन गायन मंडली के साथ
आपके समक्ष उपस्थित हूँ !
भजन सरोवर में गोता लगाने के लिए
आपका हार्दिक स्वागत है 💐💐🙏🙏
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भजन प्रेमी मित्रों !
सभी देवताओं,ऋषियों-मुनियों,साधु-संतों के तारणहार
भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में माता देवकी के गर्भ से आठवें पुत्र के रूप में अपनी सम्पूर्ण कलाओं के साथ कंस के कारागार में प्रकट हुए हैं और वे गोकुल में नंदबाबा के घर यशोदा मईया के गोद में पहुँच गए हैं !
भजन प्रेमी मित्रों !
वसुदेव जी की पहली पत्नी रोहिणी जी भी कंस के भय से नन्द बाबा के यहाँ शरण ले रखीं थीं। देवकी जी के सातवें गर्भ को योगमाया ने संकर्षण करके रोहिणी जी के गर्भ में स्थापित कर दिया था । एक वर्ष पूर्व ही उनका भी अवतरण हुआ था जिन्हें आप बलराम जी के नाम से जानते हैं । वे भगवान विष्णु के सेवक शेषनाग के अवतार थे । इस अवतार में भगवान विष्णु ने उन्हें बड़े भाई का गौरव प्रदान किया था ।
यशोदा मईया को वर्षों बाद पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई है । अतः गोकुल को दुल्हन की तरह सजाया गया है । धूमधाम से उत्सव मनाया जा रहा है। यत्र-तत्र-सर्वत्र उल्लास हीं उल्लास है।
मित्रों ! आइए आपको अपनी मातृभाषा भोजपुरी में पारंपरिक सोहर सुनाता हूँ:-
धरती के भाग गोकुला गंईंयाँ
यशोदा अइसन मईया नुं हो,
ए ललना जनमले कुँवर कन्हईया
दाऊजी बड़का भईया नुं हो ॥ टेक॥
सावली सुरतिया गोसईंयाँ
गगन के परिछइयाँ नुं हो,
ए ललना दाऊजी के ललकी गोरईया
लुटावेला ललाईया नुं हो
ए ललना जनमले कुँवर कन्हईया
दाऊजी बड़का भईया नुं हो ॥
धनी भाग गोकुला के गईया
नाचेली ता ता थईया नुं हो
ए ललना देखी-देखी आवे अंगड़ईया
नन्द अंगनईया नुं हो
ए ललना जनमले कुँवर कन्हईया
दाऊजी बड़का भईया नुं हो ॥
प्रेम से बोलिए विष्णु भगवान की जय
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🕉️🕉️🙏🙏जय श्री कृष्ण🙏🙏🕉️🕉️
अंजनी कुमार आज़ाद,आरा,पटना,बिहार