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ॐ नमो भगवते वासुदेवाय !!
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मेरे प्यारे अलबेले मित्रों !
बारम्बार नमन आपको 🙏🙏
मैं अपनी भजन गायन मंडली के साथ
आपके समक्ष उपस्थित हूँ !
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भजन सरोवर में गोता लगाने के लिए
आपका हार्दिक स्वागत है 💐💐🙏🙏
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भजन प्रेमी मित्रों !
यशोदा मईया और नन्द बाबा को वर्षों बाद पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई है । अतः गोकुल को दुल्हन की तरह सजाया गया है । धूमधाम से उत्सव मनाया जा रहा है। यत्र-तत्र-सर्वत्र उल्लास हीं उल्लास है।
इस शुभ सुअवसर पर आप सबको
श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की हार्दिक बधाइयाँ देते हुए अशेष शुभकामनाओं के साथ अपनी मातृभाषा भोजपुरी में बाल कृष्ण को समर्पित लीला प्रसंग सुनाता हूँ:-
दोहा:-
क से कन्हईया जी जेल में जनमले,
कि खुली गईले बजर केवड़िया !
ख से खुली गईले हाथे हथकड़िया,
कि सुते पहरदार सुते सारी दुनियाँ !!
ग से गरीब देवकी के भाग जागल,
कि योगमाया कहली वसुदेवजी से बतिया !
घ से घटा घनघोर जोर बरसे,
भादो के अँधियारी भेयावन लागे रतिया !!
उड़ान:-
ङ से आजु के दिनवाँ, भगिया जागल तोहार !
जल्दी से करs तईयरिया, ले जा नन्द दरबार !! टेक !!
छंद:-
करिया बदरिया अन्हार कईले छहर-छहर,
बारिश बौछार मुसलधार हरहरात रहे !
तड़ड़े-तड़ड़ बिजुली से तन काँपे थररे-थरर,
मेघ टूटे गड़ड़े-गड़ड़ गगन गड़गड़ात रहे !!
ठहरे-ठहर लहर सरिता सरोवर में,
टररे-टरर दादुर के धुन टरटरात रहे !
झलरे-झलर झलकत अनूप रूप सूप में,
बाप अभागा एगो लईका लेके जात रहे !!
दोहा:-
च से चटपट वसुदेवजी तईयार भईले,
चल दिहले गोकुला नगरिया !
छ से छनहिं में यमुना किनार गईले,
यमुनाजी फेंकली आपन हो लहरिया !!
ज से जलवा में कन्हईयाजी,
छूअवलेहा आपन हो चरनियाँ !
झ से झटपट पार हो गईलन,
पहुँचलेहा नंद के मकनियाँ !!
उड़ान:-
ञ से आई के इहवाँ, वसुदेव करेलन विचार !
कईसे महलिया में जाईं, रतिया बा अन्हार !! टेक !!
दोहा:-
ट से टर-टर बेंग बोलतु हैं,
झींगुर बोले मन पछताई !
ठ से ठाड़ होके वसुदेवजी विचरले,
करीं अब कवन उपाई !!
ड से डरवा लागल तs,
वसुदेव जी गईलेहा डेराई !
ढ से ढरकेला बरखा के पनियाँ,
वसुदेवजी गईलेहा घेराई !
उड़ान:-
ड़ से आड़ हो गईले, नंद जी के दरबार !
खुली गईले बजर केवड़िया, वसुदेव गईले हरषाय !!टेक!!
दोहा:-
त से तनिक देर ना कईले,
गईलेहा यशोदाजी के घर में !
लईकी उठा के लईका के दिहले,
यशोदा जी के कर में !!
थ से थाम लिया लईकी को,
चल दिहले मथुरा के ओर !
द से दरबान कंस से बोला,
बतिया सुनलीं मोर !
जेल के भीतरवा देवकी गरभ से,
पयदा भईली लड़की !
सुनके कंस मन में बिहँसे,
विधना के मतिया घुमल अबकी !!
ध से धर लड़की को पटकन चाहा,
तs लड़की उड़ी आसमान !
अकस्मात आकाशवाणी भईल,
तजो कंस आपन अभिमान !!
भजन प्रेमियों !
और वही लड़की भक्तों का कष्ट हरण करने तथा
उनकी मनोकामना पूरी करने के लिए
बिंध्याचल पर्वत पर विराजमान हो गई !
प्रेम से बोलिए बिंध्याचल वाली मईया की जय !!
उड़ान:-
न से नंद के दुअरिया, बाजेला अनघ बधाई !
ख़ुशी भईले नंद के नगरिया, मनवाँ गईले हरषाय !!टेक!!
दोहा:-
प से पवनी पहुँचली नंदद्वारे,
जवन माँगे तवन पावे !
ख़ुशी भईले नंद के नगरिया,
सखी सभ मंगल गावे !!
फ से खुल बरसावे देवगण,
ब्राह्मण वेद को बाँचे !
ख़ुशी भईले नंद के नगरिया,
नेटुआ-नागर सभ नाचे !!
ब से बढ़ने लगे जब मोहन,
जंगल में गाय चराये !
भ से भीर परल गोकुला पs,
तsगोबरधन को उठाये !!
उड़ान:-
म से मोहन जी के संग में,
खेलतs कन्हईयाजी के संग में,
मनवाँ गईले हरषाय !!टेक!!
दोहा:-
य से यशोदानंद दुलारे,
गोपियन संग रास रचावे !
र से रधिका संग कन्हईया,
मुरली मधुर बजावे !!
ल से ललिता संग सभ सखिया,
यमुना किनारे गईलिहा !
व से ओहिजा साड़ी उतार के,
हँसी-ख़ुशी नंगे नेहईलिहा !!
स से साड़ी चोरा के मोहन,
कदमियाँ पs चढ़ी गईलेहा !
कईसे निकलीजा नंगे वदनवाँ,
सखिया सभ शरमईलिहा !!
उड़ान:-
ह से हरी-हरी पातावा पुरईन के,
यमुनाजी देली पहिराय !
यमुनाजी जलवा में दिहली,
सखिया गईली हरषाय !!टेक!!
खेलsत कन्हईयाजी के संग में
खेलsत मोहनजी के संग में,
मनवाँ गईले हरषाय !!
बोलsब त बोल हो जवनवाँ
राधेकृष्ण के नाम बोलsब त बोल हो जवनवाँ !!
बोले सिया की जय राजा रामचंद्र की जय
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🕉️🕉️🙏🙏जय श्री कृष्ण🙏🙏🕉️🕉️
अंजनी कुमार आज़ाद,आरा,पटना,बिहार