shabd-logo

15/2/2023:- अमूर्त यादें

15 फरवरी 2023

14 बार देखा गया 14
प्रिय सखी।
कैसी हो। हम अच्छे हैं ।बस इस फोन से परेशान हैं।ये दुश्मन बना हुआ है तुम्हारी और हमारी मुलाकात मे।बार बार हैंग हो जाता है ।कभी कभी तो इतना तंग करता है पूरा लेख लिख लेगे और एक झटके में ही सारा साफ हो जाता है।हमें फिर से दोबारा लिखना पड़ता है।खैर इस फोन से हमारी बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं ।
आज का विषय:- अमूर्त यादें
यादें बहुत सी होती है अच्छी भी बुरी भी, कोई कोई ऐसी याद होती है वह भुलाए नहीं भूलती और किसी याद को याद करने का मन ही नहीं करता। आज का विषय हमारी इस कहानी पर खरा उतरता है।
सुहानी शाम

"सुहानी शाम ढल चुकी।ना जाने तुम कब आओगे।"
रेडियो पर गीत बज रहा था।सुधा जी अपने कमरे मे बैठी।कमरे के बाहर बगीचे का नजारा ले रही थी।शाम ढल रही थी।काफी दिनों से तेज गर्मी पड़ रही थी।आज सुबह भी मौसम काफी गर्म था। सूर्य देवता चिलचिलाती धूप की बिजलियां गिरा रहे थे अचानक शाम चार बजे बाद मौसम ने करवट बदली ठंडी हवाएं चलने लगी । आकाश मे काले काले बादल छा गए थे।ठंडी पूरवा चल रही थी।सुधा जी के बगीचे मे आम ,आडू, अमरूद, जामुन के पेड़ लगे थे।उनसे छन छन कर जो उन पेड़ों की खुशबू अपने मे लपेटे हवा चल रही थी उसके तो कहने ही क्या।आम के पेड़ों पर कोयल कूहक रही थी।आज सुधा जी का जी उस सुहानी शाम मे अपने पति गौतम जी को ढूंढ रहा था।एक तो सुहानी शाम ऊपर से ये मौसम रही कसर आकाशवाणी ने पूरी कर दी जो मौसम के अनुसार विविध भारती पर पुराने क्लासिकल गीत बजा रही थी।सुधा जी का मन ऐसा हो रहा था वो विदेश मे बैठे अपने पति गौतम जी के पास चली जाए।चालीस साल के वैवाहिक जीवन में सुधा जी को कभी भी याद है वो कभी अलग अलग रहे हो। मायके भी दिनों को गिनकर भेजते थे गौतम जी सुधा जी को।पर बेटों ने जीते जी मां बाप का बंटवारा कर दिया था बड़ा लड़का विदेश रहता था। मां बाप को इकठ्ठा नही रखना चाहता था और सुधा जी भी अपनी जन्मभूमि को छोड़कर जाने के लिए राजी नही थी तो यह तय हो गया कि छोटा बेटा मां को रखेगा और बड़ा बेटा पिता को सोई गौतम जी बड़े के साथ विदेश चले गये।दो महीने हो गये थे बेटा बहू दोनों ही नौकरी वाले थे बच्चा अभी कोई था नही तो सुधा जी सारा दिन बोर होती रहती थी।सारा दिन पति को याद करती रहती थी।बेटे बहू से तो हफ्ते मे एक दो दिन ही बात हो पाती थी वीकेंड्स पर वो दोनो बाहर चले जाते थे।सुधा जी को अकेला पन खलता था।गौतम जी घर होते थे तो बच्चों की तरह हर चीज की जिद करते थे।ये बना दो।वो बना दो।पर अब वो चाहते हुए भी नही बना पाती थी।एक तो मन नही करता था दूसरा बहू और बेटा हैल्थ कांशियस थे।
गाने लगातार उस सुहानी शाम के अनुरुप ही बज रहे थे।तभी फोन की घंटी बजी सुधा जी ने मोबाइल उठाया तो देखा गौतम जी का फोन है बस उनकी आंखें छलछला आई।फोन उठाकर बोली,"हां जी ।कैसे हो आप ।मै अच्छी हूं।"
उधर से गौतम जी बोले ,"दिख रहा है कितनी अच्छी हो जब ही तो पल्लू से आंखें पोंछ रही हो।"
सुधा जी एकदम से हैरान रह गयी कि उनको कैसे पता चला कि मै रो रही हूं।सुधा जी चिहुंक कर बोली ,"आप को कैसे पता चला ?"
गौतम जी फोन से ही बोले,"पगली आंखें उठाकर देख मेन गेट पर कौन खड़ा है।"
सुधा जी ने जब मेनगेट की ओर देखा तो गौतम जी बैग कंधे पर टांगें खड़े थे।सुधा जी गौतम जी को देखकर भाग ली ओर जा कर उनसे लिपट गयी सब लोकलाज छोड़ कर।
गौतम जी बस यही कहते रहे अब हम दोनों अलग नही रहे गे। रहेंगे अलग तो बेटों से रहेंगे।
विविध भारती पर गाना बज रहा था
"घर आया मेरा परदेसी, प्यास बुझी मेरी अंखियन कीईईई

अब चलतीं हूं सखी अलविदा।
15
रचनाएँ
दैनंदिनी सखी (फरवरी 2023)
0.0
चलो सखी फिर से चले एक नये सीजन के सफर पर ।वादा करो मेरे मन की सब सुनोगी और समय समय पर मुझे तसल्ली भी दो गीत।
1

9/2/2023:- बिना शर्त का प्यार

9 फरवरी 2023
12
1
1

प्रिय सखी।कैसी हो ।लो हम फिर से मुखातिब है तुम से ।जब तुम से अलविदा कह रहे थे पिछले सीजन में तो मन उदास हो रहा था सोचा था अगले सीजन में भाग नहीं लेंगे पर देखो तुम्हारा बिना शर्त का प्यार हमें खींच ही

2

11/2/2023:- भारत में मिला सबसे बड़ा लिथियम भंडार

11 फरवरी 2023
6
0
0

प्रिय सखी।कैसी हो ।हम अच्छे हैं । सरसों का साग बना रहे थे आज शोप से छुट्टी ली है । बहुत से काम बाकि थे घर के ।हमें पता है एक बिजनेस वूमन और गृहणी की भूमिका हम कैसे निभाते हैं।दो दिन अगर ढ़ंग से खाना न

3

13/2/2023:- राष्ट्रीय महिला दिवस

13 फरवरी 2023
3
0
0

प्रिय सखी।कैसी हो।हम अच्छे हैं कल का दिन बहुत व्यस्त रहा ।शोप के लिए माल खरीदने में ही सारा दिन चला गया ।हमें समय का पता ही नहीं चला ।पूरी गाड़ी भरकर फेब्रिक खरीदा ।आज का विषय:- राष्ट्रीय महिला दिवसआज

4

14/2/2023:- पुलवामा अटैक के वीरों को नमन

14 फरवरी 2023
3
0
0

प्रिय सखी।कैसी हो।आज नौजवानों में वैलेंटाइन डे की धूम है । क्यों ना हम और तुम मिलकर उन शहीदों को याद करें जो पुलवामा अटैक में शहीद हुए हैं।आज का विषय:- पुलवामा अटैकपुलवामा में हुए टेरेरिस्ट अटैक को आज

5

15/2/2023:- अमूर्त यादें

15 फरवरी 2023
4
0
0

प्रिय सखी।कैसी हो। हम अच्छे हैं ।बस इस फोन से परेशान हैं।ये दुश्मन बना हुआ है तुम्हारी और हमारी मुलाकात मे।बार बार हैंग हो जाता है ।कभी कभी तो इतना तंग करता है पूरा लेख लिख लेगे और एक झटके में ही सारा

6

16/2/2023:- कानपुर देहात कांड

16 फरवरी 2023
3
1
1

प्रिय सखी।कैसी हो।हम अच्छे हैं ।डायरी लेखन में वार्षिक इनाम हमें मिला है पर मंच की तरफ से हम से कोई सम्पर्क नहीं हुआ है ।देखो कब तक होता है ।आज का विषय:- कानपुर देहात कांडकानपुर देहात के मड़ौली गांव म

7

17/2/2023:- एयर इंडिया की एयर बस से डील

17 फरवरी 2023
4
0
0

प्रिय सखी।कैसी हो।हम अच्छे हैं और अपनी अभी अभी पुस्तक प्रतियोगिता में प्रथम आने वाली किताब "आखिर खता क्या थी मेरी" की बिक्री देखकर थोड़ा नाखुश हैं । पुस्तक छप गयी सब कुछ अच्छा है पर जब खरीदने वाला ही

8

20/2/2023:- केवल परिवर्तन ही स्थाई है

20 फरवरी 2023
2
0
0

प्रिय सखी।कैसी हो।हम अच्छे हैं। बड़ी व्यस्तता के बाद समय निकाल पाते हैं तुम से मिलने का परिवर्तन के सिवा इस सृष्टि में स्थिर कुछ भी नहीं है।परिवर्तन एवं गति संसार का अनिवार्य नियम है। इस सृष्टि क

9

21/2/2023:- अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस

21 फरवरी 2023
2
0
0

प्रिय सखी।कैसी हो ।अब तो पूरे दिन के बिजी शेड्यूल में से कुछ पल तुम्हारे लिए चुराने ही पड़े गे। क्योंकि महीना भी फरवरी का है और हम साथ लेख पीछे है अपनी डायरी को कमपलीट करने में।व्यस्तता की इतनी अति है

10

22/2/2023:- जालोर हत्याकांड में बढ़ता विवाद

22 फरवरी 2023
7
1
1

प्रिय सखी।कैसी हो ।हम अच्छे हैं ।अभी मंच ने पुस्तक प्रतियोगिता के स्थान पर कोई नहीं प्रतियोगिता शुरू नहीं की है । उम्मीद है कुछ नया आयेगा तो हमने जो नया उपन्यास लिखा है उसे डालें गे।आज का विषय:- जालोर

11

24/2/2023:- भारत में केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस

24 फरवरी 2023
3
1
1

प्रिय सखी।कैसी हो। हम अच्छे हैं। कुछ रेडीमेड गारमेण्ट भी लाये हैं शोप पर देखो माल निकलता है या नहीं।आज का विषय:-भारत में केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवसकेन्द्रीय वित्त मंत्रालय के अंतर्गत केन्द्रीय उत्पाद

12

25/2/2023:- जलता हुआ पंजाब

25 फरवरी 2023
4
0
0

प्रिय सखी।कैसी हो ।हम से अब तक डायरी लेखन के वार्षिक इनाम के विषय में कोई बात नहीं हुई है मंच की तरफ से जब की हमने आधिकारिक नंबर पर भी सम्पर्क कर चुके हैं ।पर हर तरफ "नील बट्टे सन्नाटा"।आज का विषय:- ज

13

26/2/2023:- मन की चिंता

26 फरवरी 2023
3
0
0

प्रिय सखी।कैसी हो ।हम अच्छे हैं।अभी अभी शोप के लिए माल खरीद कर घर लौटे हैं । बहुत भागदौड़ भरा दिन र आ आज तो । लेकिन फिर भी हम अपनी प्यारी सखी के लिए समय निकाल ही लेते हैं।सच में सखी एक औरत का जीवन हमे

14

27/2/2023:- विश्व एनजीओ दिवस

27 फरवरी 2023
1
0
0

प्रिय सखी।कैसी हो। हम अच्छे हैं।आज ही हमें हमारी डायरियां जो हमने जीती थी वो मिल गयी है ।बस अब वार्षिक इनाम का इंतजार है।आज का विषय:- विश्व एनजीओ दिवसआज विश्व एनजीओ दिवस मनाया जा रहा है। दुनियाभर में

15

28/2/2023:- राष्ट्रीय विज्ञान दिवस

28 फरवरी 2023
2
0
0

प्रिय सखी।कैसी हो। हम अच्छे हैं ।आज तो डायरी सम्पूर्ण मार्क करनी है।सच में सखी समय ही नहीं मिलता।आज कल लेखन से कुछ दूरी चल रही है।शायद सासू मां ने पतिदेव को भड़का दिया है कि तू इसे लिखने से रोक ।तभी ज

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए