प्रिय सखी।
कैसी हो ।हम से अब तक डायरी लेखन के वार्षिक इनाम के विषय में कोई बात नहीं हुई है मंच की तरफ से जब की हमने आधिकारिक नंबर पर भी सम्पर्क कर चुके हैं ।पर हर तरफ "नील बट्टे सन्नाटा"।
आज का विषय:- जलता हुआ पंजाब
कट्टरपंथी संगठन 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने गुरुवार को अजनाला के थाने पर बंदूकों और तलवारों से हमला कर दिया। हिंसक झड़प में छह पुलिसकर्मी और कुछ अमृतपाल के समर्थक भी जख्मी हुए हैं। ये सभी अमृतपाल के करीबी लवप्रीत सिंह तूफान की रिहाई के लिए प्रदर्शन करने पहुंचे थे। लवप्रीत को रूपनगर के एक व्यक्ति वरिंदर सिंह से मारपीट और उसके अपहरण के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में अमृतपाल के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज है।
अजनाला पहुंचने से पहले अमृतपाल सिंह और उनके समर्थकों ने पुलिस के अमृतसर की ओर मार्च करने से रोके जाने पर ढिलवां टोल प्लाजा पर विरोध प्रदर्शन किया लेकिन बाद में पुलिस ने उन्हें अजनाला थाने की ओर मार्च जारी रखने की अनुमति दे दी। इस विरोध के कारण अमृतसर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुछ देर के लिए जाम लग गया। अमृतपाल सिंह और उनके समर्थकों को पुलिस ने अजनाला बस स्टैंड पर बैरिकेड्स लगाकर रोक दिया। हालांकि, उनके समर्थकों ने बैरिकेड्स तोड़कर अपना रास्ता बना लिया और पुलिस के साथ झड़प के बाद थाने के अंदर प्रवेश करने में भी कामयाब रहे।
अमृतपाल ने दो दिन पहले ही कहा था कि अगर एफआईआर रद्द न की गई तो वह समर्थकों के साथ अजनाला थाने का घेराव करेगा। वहीं, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के दबाव में आरोपी लवप्रीत को रिहा करने का एलान भी कर दिया है। इस आश्वासन के बाद प्रदर्शनकारी थाना परिसर से बाहर निकलकर बाहर बैठ गए।
अजनाला पहुंचने से पहले अमृतपाल सिंह और उनके समर्थकों ने पुलिस के अमृतसर की ओर मार्च करने से रोके जाने पर ढिलवां टोल प्लाजा पर विरोध प्रदर्शन किया लेकिन बाद में पुलिस ने उन्हें अजनाला थाने की ओर मार्च जारी रखने की अनुमति दे दी। इस विरोध के कारण अमृतसर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुछ देर के लिए जाम लग गया। अमृतपाल सिंह और उनके समर्थकों को पुलिस ने अजनाला बस स्टैंड पर बैरिकेड्स लगाकर रोक दिया। हालांकि, उनके समर्थकों ने बैरिकेड्स तोड़कर अपना रास्ता बना लिया और पुलिस के साथ झड़प के बाद थाने के अंदर प्रवेश करने में भी कामयाब रहे।
प्रदर्शनकारियों ने पत्थर भी फेंके। प्रदर्शनकारी पुलिस स्टेशन में 'अमृत संचार' (एक सिख समारोह) आयोजित करने के लिए श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की प्रति ले जाने वाला एक वाहन भी लाए थे। बंदूकों और तलवारों से लैस प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ जबरदस्त झड़प हुई। अमृतपाल के समर्थकों ने खुलेआम तलवारें लहराते हुए खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए।
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस से प्राथमिकी रद्द करने की मांग की और धमकी भी दी कि जब तक तूफान सिंह को रिहा नहीं किया जाता, वे थाने से बाहर नहीं निकलेंगे। वहीं, अमृतसर पुलिस ने देर रात स्पष्ट नहीं किया था कि गुरुवार की हिंसा को लेकर अमृतपाल सिंह या उनके समर्थकों के खिलाफ कोई मामला दर्ज किया गया है या नहीं। अमृतपाल सिंह ने कहा कि पुलिस ने उन्हें आश्वासन दिया है कि तूफान को शुक्रवार को रिहा कर दिया जाएगा, जिसके बाद वे पुलिस स्टेशन पर धरना उठाने के लिए तैयार हो गए। हालांकि, उन्होंने कहा कि वे शुक्रवार सुबह तक अजनाला में रहेंगे जब तक तूफान को रिहा नहीं किया जाता।
अब चलती हूं सखी अलविदा।