सेल्फ लव और सेल्फिश में फर्क हैं ! सेल्फ लव खुद पर विश्वास करना , दुसरो की गलती की सजा खुद को न देना, फोर्गीवेनेस्स ,दुसरो के साथ साथ खुद का ध्यान रखना, खुद के विकास के बारे में सोचना हैं ! इन सब से आप की कार्य शमता भी बढ़ती हैं और आप दुसरो के लिए और भी खुले दिल से काम कर पाते हैं ! क्यूंकि अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो आप अंदर से दुःखी चिड़चिड़े रहेंगे जिस की वजह से आप न तो खुद के लिए न ही समाज के लिए न परिवार के लिए कुछ कर पाएंगे !
सेल्फिश सिर्फ खुद पर ध्यान देना हैं ,जो गलत तो हैं ही साथ ही बुरा कर्म भी हैं क्यूंकि जिन जिम्मेदारियों को हमने लिया हैं उन्हें पूरा करना चाहिए और हमारी खुद की जिम्मेदारी भी हमारी हैं ! तो सेल्फिश होना और सेल्फ लव न होना दोनों ही गलत हैं ! , , ,
31. मैं खुद को दूसरों के सामने व्यक्त कर सकती हूं !
32. मैं अपनी सभी योजनाओं को लागू करने में सक्षम हूं !
33. मैं खुद का शारीरिक मानसिक ध्यान रखती हूं !
34. मैं खुद को क्षमा कर देती हूं और आगे से उस गलती को नहीं दोहराती हूं !
35. मुझे अपनी कला पर गर्व है !
36. मैं अंदर बाहर से खूबसूरत हूं !
37. मैं रोज कुछ नया सीखती हु !
38. मैं भक्ति के लिए समय निकलती हु !
39. मैं किसी के डर से अपने विकास को नहीं रोकती हु !
40. मैं पारिवारिक जीवन, आध्यात्मिक जीवन दोनों को अच्छे से संतुलित कर लेती हु !
41. मैं सेल्फ लव फॅमिली लव दोनों को संतुलित रखती हु !
खुद से प्रेम करना बुरा नहीं हैं लेकिन सिर्फ खुद से प्रेम करना गलत हैं ! आप के पास जो होगा व्ही आगे देंगे ! , ,