जीवन उदेश्य क्या हैं ! अगर आप यह पढ़ रहीं हैं तो कहीं न कहीं आप यह भी मानते होंगे की हम सब के कई जन्म होते हैं ! तो जिस तरह से हम बचपन से कई क्लॉसेस पड़ते हैं उसके बाद हमे पता चलता हैं की हमे क्या करना हैं ! साइंस लेनी हैं या कॉमर्स लेनी हैं! उसी तरह हमें अध्यात्म मैं यह पता चलता हैं की जीवन मैं हम क्या करने आये हैं ! हर इंसान का कोई न कोई उदेशय जरूर होता हैं जैसे राम जी का उदेश्य रावण वध था उसके इलावा भी बहुत काम किये ! इसी तरह हम सब का कोई न कोई उदेशय होता हैं!जो आत्म जागृत हो उसके बड़े उद्देशय होते हैं ! इसलिए पहले आत्म जाग्रति किसी जन्म में होती हैं उसके बाद उदेश्य मिलता हैं !लेकिन जब तक हमे यह न पता हो हमे क्या करना हैं मन में बेचैनी रहती हैं ! इस लिए आप के पास सब होते हुवे भी कुछ कमी लगती हैं ! क्यूंकि आत्मा वह काम करना चाहती हैं जो वो करने आई हैं लेकिन आप भटक रहें हैं ! जैसे ही लाइफ पर्पस के रूप मैं आप को रास्ता मिलता हैं आप का मन शांत होने लगता हैं ! ऐसा लगता हैं की जीवन बेकार नहीं हो रहा ! आप देखना कई लोगो को दुसरो की धन से सेवा करने में आनंद आता हैं ,कई लोग शारीरिक सेवा करते हैं! कई लोग ज्ञान बांटते हैं ! सब का अलग अलग जीवन उदेशय हैं ! लेकिन जब आप को जीवन उदेश्य मिल जाता है जीवन आसान होने लगता हैं ! सब कमिया ख़त्म होने लगती हैं !
68. मैं जीवन लक्ष्य के कांसेप्ट को स्वीकार करती हूं !
69. मैं अपने जीवन लक्ष्य को पूरा करने में सक्षम हूं !
70. मैं अपने जीवन लक्ष्य से संबंधित ब्रह्मांड के सभी इशारों को समझती हूं !
71. मैं खुद की इनट्यूशन पावर पर विश्वास करती हूं !
72. मुझे मेरा जीवन लक्ष्य खुद ही राह दिखा रहा है !
73. जीवन लक्ष्य के साथ में ,मैं जीवन के सुख भी भोग रही हु !
आप सब को आप का जीवन उदेशय जरूर मिले ऐसे प्रार्थना करती हु !