फर्मेशंस किस तरह काम करते हैं यह जानने के लिए हमें पहले यह जानना होगा कि हम किस तरह से काम करते हैं ! हम वह काम करते हैं जो हमारे अवचेतन मन में फिक्स हो गया है जैसे हमारे अवचेतन मन में फिक्स है कि खाना हम तीन बार कहते हैं हो सकता है आप में से कई लोग नहीं खाते हो लेकिन वह आप लोगों ने अपनी प्रोग्रामिंग को उस तरह से चेंज कर लिया है कई बार यह प्रोग्रामिंग एक झटके में भी चेंज हो जाती है जैसे किसी चीज का अपने इंपैक्ट देख लिया या फिर आपको आपका कोई गुरु जिसे आप मानते हैं बहुत ज्यादा वहकुछ बातें बताता हैं तो चेतन मन उसे नकारता नहीं हैं ! या फिर ऐसा होता है जिस पर आप बहुत विश्वास करते हैं वह कुछ कहता है तो आपके सीधा चेतन मन में जाती है बात ! जैसे कि कई लोग मोटिवेशनल स्पीकर्स की सुनते हैं बहुत तो जिस पर आप विश्वास करते हैं! अगर आप को सुबह 5:00 बजे वॉक करने की आदत है और वह अवचेतन मन मेंजा चुकी हैं तो भले आप रात को 12:00बजे सोये लेकिन फिर भी आप 5:00 बजे उठकर वह करने जाएंगेंयदि नहीं जा पते तो भी नींद खुलेगी , एक बार उठाएंगे जरूर ! आप लोगो ने सुना होगा कई लोगो से मेरी नींद तो खुल इ जय हैं 5 बजे चाहे कितने बजे भी सोये ! अब देखते हैं की अवचेतन दिमाग में क्यों नहीं जाती है सीधे बातक्यों अवचेतन मन नकार देता हैं ! चेतन मन तर्क पर काम करता हैं औरचले आ रहे विश्वासों पर काम करता हैं ! जैसे मान ले आप सुबह से आम कर रहे हैं तो खुद को मोटीवेट करने के लिए आप बोलते हैं में एक्टिव हुईं तो आप का चेतन मन भट से बात बता देगा जैसे सूबे से उठे हैं, बहुत काम किया है इत्यादि तो एक्टिवनेस को नकार देगा ! इस तरह हर काम में जो आप के रूकावट कशब्द आते हैं वः चेतन मन बोल क्र नकार देता हैं और अवचेतन मंन तक नहीं पहुंचने देता ! अवचेतन मन तर्क पर काम नहीं करता वह ओके बोलता हैं ! क्योंकिे बाहर हमारा चेतन दिमाग होता है तो अवचेतन तक पहुचंना मश्किल हो जाता हैं ! आप इसको इस तरह से समझिए कि एक बिल्डिंग है और उसके बाहर चपरासी बैठा है और वह चपरासी आप को अंदरनहीं जाने दे रहा तो आप क्या करेंगे या तो वह सो जाएगा तब जाएंगे या फिर उसको सुला देंगे किसी तरह से! या फिर तीसरा रास्ता क्या है कि आप उसको इतनी बार बोलेंगे ,बार-बार बोलेंगे धक जाएग और हर कर बोलेगा ओके जा ! अब हम अपने उदाहरण पर वापिस आते हैं ,आप अपने आप को मोटिवेट करने के लिए बोलते हैं मैं एक्टिव हूं तो आपका चेतन सो रीजन दे देगा आपको नहीं कैसे कहां एक्टिव है सुबह से उठा हुआ है इतना सारा काम किया है ,कहां एक्टिव है ,थक गया थोड़ा आराम कर ! तो आप भी मान क्र आराम करने लगेंगे लेकिन अगर आप को सेल्फ हिप्नोसिस आता हैं तो आप पहले चेतन मन को हटा देंगे और फिर अपनी बात अवचेतन में बता देंगे की में ाक्टीए हुईं तो अवचेतन मन कहेगा ओके और आप काम करने लगेंगे ! आप ने देखा होगा कई लोगो का एक्टिव का अलग मेथड हैं थोड़ी देर म्यूजिक सुन लेते हैं या गुरु को याद कर लेते हैं तो उनकी इस क्रिया में व्यस्त हो जाता है चेतन मन और फिर आप जब बोलते हैं चलो अब काम क्र लेते हैं तो आप खुद को एक्टिव महसूस करते हैं ! सब सेल्फ हिप्नोसिसि करते हैं लेकिन तरीका अलग हैं और वह जानते नहीं हैं की यह सेल्फ हिप्नोसिस है इससे हम सिर्फ ाक्टीए नहीं और भी भट से काम कर सकते हैं !
तो इस पुस्तक में हम सिर्फ बार बार बोल के चेतन मन को जबरदस्ती अपनी बात मनाने के तरिके पर काम करेंगे ! ये अब आप की शमता पर निर्भर करता हैं की कितनी जल्दी आप मना लेते हैं और आप के कितने विश्वास और कितने गहरे पड़े हैं ! इसलिए सब का समय सफलता का अलग अलग होगा !