जाने से पहले तुमने कया कदमों को रोका न था,
खैर गलती हमारी भी है,हमने भी तो टोका न था.
कुछ धूप का असर था,कुछ माहौल का भी नशा,
हवा बेकसूर थी,हमारी ओर ही बस झोंका न था.
सब कुछ मदहोशी में हुआ,जो होना था वो हुआ,
होश में आए भी मगर तब तक शेष मौका न था.
कुछ हमसे कहा गया,कुछ समझ ही न पाए तुम,
अनसुलझी कहानी है ये, कहीं कोई धोखा न था.
जब वक्त थम सा गया, ख्याल हर जम सा गया,
फिर न मिल पाएंगे कभी, तब तो ये सोचा न था.