मित्रो नमस्कार
गोवा म आप प्रकृति की सुंदरता के लिए आना चाहते है तो बेशक आईये ।। पर यदि यही बस जाने का ख्याल ह तो मेरे विचार ये आपके मन के लिए सुखदायी न होगा।।।। क्योंकि नो स दूर कोई भला कब कहाँ खुश रह पाया है।।। मैं पिछले 3 महीने से यहां हु ।।। पर जो ख़ुशी अपने शहर की मिटटी म थी वो यह के समंदर म न है।।। अकेला हु तो मन की बात इस माध्यम से कह दि।।।। यदि पसन्द आये तो प्रतिकिया दीजियेगा।।।।
धन्यवाद्
अंकित शुक्ला "प्रीत"