इंसानियत में मित्रता सबसे बड़ा और पवित्र रिश्ता होता हैं जिसमें निपक्ष प्रेम,विश्वास और अपनापन होता हैं।।
खून से रिश्ते से कई गुना मित्र का मित्रता का रिश्ता होता है।।
भगवान श्री कृष्णा ने कहा हैं कि जहाँ मित्रता होती वहा स्वार्थ का नामो निशान नहीं होता हैं।।
अपने अपनों से मुँह मोड़ देते लेकिन एक सच्चा मित्र ऐसा नही करता हैं।
मजबूर इंसान का साथ एक सच्चा मित्र ही दे सकता हैं ।
इस दुनिया में कुछ अच्छे मित्र हैं इस लिए यह रिश्ता खून का नहीं होते हुए भी सर्वश्रेष्ट हैं।।
हरी_बोल Spurohit