“गज़ल” आयी जिसके हाथ में लाठी मालामाल है कुर्सी संग दिलवाली मीठी चतुर कमाल है नाचे गाए मन मुसकाए सुंदर सी काया आनी जानी दौलत काठी माया मलाल है॥ भरे चौराहे शोर मचा तू चोर मैं सच्चा पहचानो तो निंदा खोटी नेक निहाल है॥पोछ रहें है मुँह अपना मानों गंदी नाली राजनीति बे-वस भई खाट