16 सितम्बर 2016
मन .... एक रहस्यात्मक पन्ना जिसे दूसरा लाख पढ़ ले अधूरा ही होता है अपने रहस्य को खुद से बेहतर कोई नहीं जानता !मन सपने बनाता है पर दूसरी छोर पर अज्ञात,ज्ञात आशंका लिए सपनों के टूट जाने की दर्दनाक स्थिति को जीता है !शरीर के परिधान से मन का