पूरीज़िन्दगी,जिसे हम जीते हैं,वह सम्पूर्णता का सारांश है . जीवन-मृत्यु का सिलसिला शाश्वत है,यदिआत्माअमर है तो - अतीत एक सार है हमारे वर्तमान का, भविष्य के सपने का
काव्य-संग्रह :
शब्दों का रिश्ता (2010)
अनुत्तरित (2011)
महाभिनिष्क्रमण से निर्वाण तक (2012)
खुद की तलाश (2012)
चैतन्य (2013)
मेरा आत्मचिंतन (2012)
एक पल (2012)
मैं से परे मैं के साथ (2015)
गुड मॉर्निंग फेसबुक (2016)
संपादन :
अनमोल संचयन (2010)
अनुग