भूखे, गरीब, बेरोज़गारअनाथों और लाचार कीदास्तान लिखने आया हूं,हां मैं आज़ाद हिंदुस्तान लिखने आया हूं। एक ही कपड़े में सारे मौसम गुज़ारने वाले,सूखा, बाढ़ और ओले से फसल बर्बाद होने पर रोने और मरने वालेकर्ज़ में डूबे हुए उस अन्नदाता किसान की ज़ुबान लिखने आया हूं,हां मैं आज़