*सनातन धर्म के प्रत्येक धर्म ग्रंथ में स्वर्ग एवं नर्क की व्याख्या पढ़ने को मिलती है और साथ ही यह भी बताया जाता है कि मनुष्य के यदि अच्छे कर्म होते हैं तो वह स्वर्ग का अधिकारी होता है और बुरे कर्म करने वाले नर्क में जाकर अनेक प्रकार की यातनाएं सहन करते हैं | स्वर्ग एवं नर्क की व्याख्या पढ़ने के बाद
*प्राचीनकाल में हमारे देश भारत में राजाओं का शासन होता था , जो कि कुल परंपरा के अनुसार चला करता था | राजा के चुनाव में प्रजा का कोई अर्थ नहीं होता था | आदिकाल से लेकर के अंग्रेजों के शासन तक यही परंपरा चलती रही जिसे राजतंत्र कहा गया है , परंतु जब हमारे देश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के अथक परिश