*इस समस्त विश्व में जन जन के मनोमस्तिष्क में भारतीयता , बुद्धिमत्ता , वीरता , दासता , कुशलता एवं चातुर्य का प्रतीक माने जाने वाले पवनपुत्र , केशरीनन्दन , रामदूत बजरंगबली का चित्र अवश्य अंकित होगा | यदि निराभिमानता (अभिमान रहित) का उदाहरण भारतीय ग्रंथों में ढूँढ़ा जाय तो एक ही चरित्र उभर कर सामने आता