आधुनिक समाजआधुनिक समाज
नमश्कार मैं हू आपकी चहिती समायरा ।
आज कल लोगों कि पास समय का बहोत अभाव है !
किसी को ऑफ़िस की जल्दी है तो किसी को अपनी मोहबत से मिलने की पर इस सब में गोर करने वाली बात यह है ।
इतनी जल्दबाज़ी के बाद भी भी इचाए है की समाप्त होने का नाम नहीं लेती है।
इस सब में इंसान अपने आपको अपनी ख़ुशियों को बहोत पीछे छोड़ता जा रहा है । वह बस अपनी भोतिक इछाऑन के वश हो कर अपने वास्तविक सुख से दूर होता जा रहा है ।
इससे आगे की कहानी आपके नोकरी देने पर पूरी करूँगी । धन्यवाद