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आज का आलेख

5 मई 2016

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अप्रसार समीक्षा (द नॉन प्रोलिफरेशन रिव्यू) में छपे एक प्रतिवेदन के अनुसार, १९९५ की सर्दियों में, सूर्या भारत का विकसित किया जा रहा प्रथम अंतरमहाद्वीपीय प्रक्षेपण प्रक्षेपास्त्र का कूटनाम है। माना जाता है कीरक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डी.आर.डी.ओ) ने १९९४ में इस परियोजना को आरंभ कर दिया है। इस प्रतिवेदन की २००९ तक किसी अन्य स्रोत से पुष्टि नहीं की गई है। भारत सरकार के अधिकारियों ने बार-बार इस परियोजना के अस्तित्व का खण्डन किया है।प्रतिवेदन के अनुसार, सूर्या एक अंतरमहाद्वीपीय-दूरी का, सतह पर आधारित, ठोस और तरल प्रणोदक (प्रोपेलेंट) प्रक्षेपास्त्र है। प्रतिवेदन में आगे कहा गया है कि सूर्या भारत की सबसे महत्वाकांक्षी एकीकृत नियंत्रित प्रक्षेपास्त्र विकास परियोजना है। सूर्या की मारक क्षमता ८,००० से १२,००० किलोमीटर तक अनुमानित है

रजत सिंह

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ये क्या बकवास है

6 जून 2016

रजत सिंह

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28 मई 2016

nimit221

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हिंदी मे लिख पाना आसान हुआ हे

27 मई 2016

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रचनाएँ
musafir
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मुसाफिर हूँ मै यारों, नारा घर है न ठिकाना...
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वर्ल्ड रिकॉर्ड - आखिरी टेस्ट में ब्रेंडन मैक्लम ने लगाया टेस्ट का सबसे तेज़ शतक

20 फरवरी 2016
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अपने क्रिकेट करियर का आखिरी टेस्ट खेल रहे मैक्कुलम ने विदाई टेस्ट की अपनी पारी में ऐसी तूफान मचा दिया है कि अब क्रिकेट जगत उन्हें इतिहास के पन्नों में हमेशा याद रखेगा. क्रिकेट जगत के अच्छे-अच्छे दिग्गज क्रिकेट को इस शानदार तरीके से अलविदा कहने को तरसे हैं. लेकिन मैक्कुलम के लिए कुछ और ही लिखा था | ट

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5 मई 2016
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अप्रसार समीक्षा (द नॉन प्रोलिफरेशन रिव्यू) में छपे एक प्रतिवेदन के अनुसार, १९९५ की सर्दियों में, सूर्या भारत का विकसित किया जा रहा प्रथम अंतरमहाद्वीपीय प्रक्षेपण प्रक्षेपास्त्र का कूटनाम है। माना जाता है कीरक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डी.आर.डी.ओ) ने १९९४ में इस परियोजना को आरंभ कर दिया है। इस प्र

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