"आतंकवाद जहाँ "--------------------सिर - बांधे लाल पगड़िया दुनिया को बताएगा तेरी करतूतों - कहर तुझको ही समझायेगा |गांती बांधे चलता था दुनिया पर कहर वर्षाया मैं! बातों से समझाता सब मिलजुल लतियायेंगे |धरा - अमन सभी चाहते कसमें सभीने खाई इ हर्षित रहते सारे बच्चे कौन तुझे