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अछूत लड़की

14 अप्रैल 2024

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"यह लीजिए दीनानाथ जी,आपकी आवेदन को मैंने टाइप कर दिया है।आप इसे अपने प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी के पास लेकर चले जाइए।"टाइप करने वाले ने रुपए अपनी जेब में रखते हुए कहा।
दीनानाथ यह सुनकर बोले"यह सब तो ठीक है। मगर, हमारी नई प्रखण्ड विकास पदाधिकारी जी कैसी है?सुना है, बड़ी ही ईमानदार महिला पदाधिकारी है।"इतना कहकर दीनानाथ अपने घर चले गए। दूसरे दिन वह अपना आवेदन पत्र लेकर कार्यालय में गए। ऑफिस में जाने की अनुमति मिली।
जैसे ही उन्होंने प्रखण्ड विकास पदाधिकारी को देखा, हैरान रह गए। यह क्या और कैसे हो गया?इसकी तो कल्पना भी उन्होंने नहीं किया था। जिस लड़की को अछूत कहकर उन्होंने समाज के सामने उसका अपमान किया था।आज वही लड़की पदाधिकारी बनकर उनकी समस्याओं का निदान करेगी!वह बस... चुपचाप खड़े थे। उस समय वहां कुछ अधिकारी और कर्मचारी भी बैठे हुए थे। दीनानाथ को देखकर वह महिला पदाधिकारी बोली"कैसे आना हुआ आपको? बैठिए ना।"दीनानाथ तो शर्म के मारे अपना सिर नीचे किए हुए थे।
दीनानाथ की ऐसी हालत को देखकर वह महिला पदाधिकारी मुस्कुराते हुए बोली"आप चिंता मत कीजिए। मैं भले ही अछूत हूं, मगर... आपका काम नहीं रुकेगा।"इतना कहकर वह आवेदन पत्र पर हस्ताक्षर कर देती है। दीनानाथ अब वहां ज्यादा रुकना ठीक नहीं समझे।वह आवेदन पत्र लेकर चले गए। वहां मौजूद अधिकारी और कर्मचारी महिला पदाधिकारी की व्यंग्य भाषा को समझ नहीं पा रहे है, मगर दीनानाथ जरूर समझ गए थे।
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रचनाएँ
भला आदमी
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इस किताब में सामाजिक समस्याओं के बीच प्यार के खट्टे_मिट्ठे अनुभवों को दर्शाया गया है।
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प्यार का पहला खत

14 अप्रैल 2024
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रविवार का दिन था। ऑफिस बंद था।आज कोई काम करने का मन नहीं कर रहा था, और ना ही कुछ लिखने का मन कर रहा था। हां, इसी क्रम में मुझे चाय पीने का मन हुआ,तब मैंने अपनी श्रीमती को आवाज लगाई"अरे दीपांजलि,जरा मे

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14 अप्रैल 2024
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देवी मां

14 अप्रैल 2024
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नौ साल का गरीब लड़का दौड़ता हुआ अपनी विधवा मां के पास जाकर बैठ गया।वह हाफ रहा था। उसकी ऐसी स्थिति देखकर मां बोली"क्या बात है मोहन? इतना हाफ क्यों रहे हो?"अपनी मां की बात सुनकर मोहन बोला"मां, मेरे सभी

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भला आदमी

15 अप्रैल 2024
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सुबह का समय था। मै बरामदे में बैठा हुआ अखबार पढ़ रहा था। इसी बीच, मुझे शोर_गुल सुनाई पड़ा। मै अखबार को वही मेज पर रख कर आवाज की तरफ चल दिया। जैसे ही मैं अपनी द्वार से बाहर आया, देखा मेरे घर से थोड़ी ह

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दहेज

15 अप्रैल 2024
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भीखू उदास मन से अपनी झोपड़ी के बाहर बैठा हुआ था। ऐसा लग रहा था कि मानो मन _ही मन किसी गहरी समस्या से उलझा हुआ है। मई का महीना था। उस दिन ज्यादा गर्मी पड़ने के कारण वह रिक्शा चलाने भी नहीं गया। पत्नी द

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मातृदिवस

21 अप्रैल 2024
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सभी लड़के _लड़कियां मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं अपनी_अपनी मां को भेज रहे थे।कोई अपनी मां के लिए कविता लिख रहा था,तो कोई अपनी मां के साथ सेल्फी ले रहा था।कोई तो अपनी मां की आज आरती उतार रहा था।मतलब

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