🌺जीवन है.....एक लंबा सफर.....संभल कर चलो।
इश्क़ की....टेढी़-मेढी़ है डगर.....संभल कर चलो।
🌺रिश्तों की..... बगिया सजाना तो....आसान है,
धूप से बचाना....कठिन है मगर....संभल कर चलो।
🌺किसी को हमसफ़र...बनाने से पहले....याद रखो,
हाथ न छूटे..कैसी भी हो रहगुज़र...संभल कर चलो।
🌺राहों में.....फूल ही नहीं.....काँटे भी मिलेंगे,
रखो तुम...अपनी मंजिल पर नजर..संभल कर चलो।
🌺लोगों की आदत है..अच्छों को बुरा..साबित करना,
ऐसी बातों से.....रहो बेअसर... संभल कर चलो।
🌺आस्तिनों में भी...साँप कई......छिपे बैठे हैं,
पीठ पर भी...घोंपे जाते हैं खंजर...संभल कर चलो।
🌺चलना ही तो....जिंदगी की निशानी है....मेरे दोस्त,
थके कदमों से भी...चलना पडे़ गर...संभल कर चलो।