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संभल कर चलो।

9 दिसम्बर 2021

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🌺जीवन है.....एक लंबा सफर.....संभल कर चलो। 
   इश्क़ की....टेढी़-मेढी़ है डगर.....संभल कर चलो। 

🌺रिश्तों की..... बगिया सजाना तो....आसान है, 
   धूप से बचाना....कठिन है मगर....संभल कर चलो। 

🌺किसी को हमसफ़र...बनाने से पहले....याद रखो,
   हाथ न छूटे..कैसी भी हो रहगुज़र...संभल कर चलो।

🌺राहों में.....फूल ही नहीं.....काँटे भी मिलेंगे,
  रखो तुम...अपनी मंजिल पर नजर..संभल कर चलो।

🌺लोगों की आदत है..अच्छों को बुरा..साबित करना,
    ऐसी बातों से.....रहो बेअसर... संभल कर चलो।

🌺आस्तिनों में भी...साँप कई......छिपे बैठे हैं,
    पीठ पर भी...घोंपे जाते हैं खंजर...संभल कर चलो।

🌺चलना ही तो....जिंदगी की निशानी है....मेरे दोस्त,
  थके कदमों से भी...चलना पडे़ गर...संभल कर चलो। 

रेखा रानी शर्मा

रेखा रानी शर्मा

बहुत सुन्दर 👌 👌 👌

2 जनवरी 2022

Arti

Arti

2 जनवरी 2022

बहुत बहुत धन्यवाद आपका 🙂🙏💐💐

Anita Singh

Anita Singh

बढ़िया

30 दिसम्बर 2021

Arti

Arti

30 दिसम्बर 2021

बहुत बहुत धन्यवाद आपका सखी 🙂🙏💐💐

8
रचनाएँ
मेरा इंद्रधनुष 🌈
5.0
यह किताब जीवन के विभिन्न रंगों का एक सुंदर गुलदस्ता है, जिसमें अलग-अलग रंग के फूल हैं......जैसे करुण रस, हास्य, प्रेम, इत्यादि।ये मेरी स्वरचित रचनाएं हैं, जो वैचारिक,आनंदित, भावुक.....अनुभूति देती हैं।
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