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केवल एक मंच।

2 अक्टूबर 2021

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✍️लेखन की दीवानगी ने, रातों की नींद,
                               और दिन का चैन भी चुरा लिया।


✍️ रातों के तारे भी.......
                         भोर की किरण भी.......
  और विचारों की भी तो, 
                        हर तरह की रौशनी से मिलवा दिया।


✍️ थी थमी जो लेखनी..........
                                ना जाने कब से.......
 नई धड़कन देकर उसको,
                               रचनाओं का भंडार लगवा दिया।


✍️ अब ना हमको रुकना है......
                            सतत आगे बढ़ना है....... 
    केवल एक मंच चाहिए था,
                                  जो हमें आपने दिलवा दिया।

                        😊🙏🙏😊

2 जनवरी 2022

Arti

Arti

2 जनवरी 2022

बहुत बहुत धन्यवाद आपका 🙂🙏💐💐

Arti

Arti

आपके सहयोग के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद भाई। मैं अवश्य प्रयास करूँगी

3 अक्टूबर 2021

Arti

Arti

भाई, प्रोत्साहन के लिए आपका हृदय से आभार 🙏🙏🙂🙂मैं प्रतिलिपि पर लिखती हूँ, यहाँ अभी अभी शुरू किया

3 अक्टूबर 2021

.........😊😊😊😊😊😊

.........😊😊😊😊😊😊

बहुत सरस् दी और भी इसी तरह aap है. यहाँ तो लोग कम ही पढ़ते हैं। दीदी आप एक अच्छी लेखिका हो आप के कविताएँ बहुत अच्छे है। आप अपनी रचना इस सभी से जुड़कर पोस्ट कर सकती हो सब बिल्कुल फ़्री है। मै इन सभी app को चलाता हूँ। अगर हो तो कोई बात नहीं अगर नहीं जान रही थी तो आप के काम का है ये app (१)प्रतिलिपि app में (२)योर कोट्स (your quote) (3) साहित्य पीडिया (4) अमर उजाला काव्य (5) कू app (6) quare क्यूरा.कॉम (7) nojoto app

3 अक्टूबर 2021

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रचनाएँ
मेरा इंद्रधनुष 🌈
5.0
यह किताब जीवन के विभिन्न रंगों का एक सुंदर गुलदस्ता है, जिसमें अलग-अलग रंग के फूल हैं......जैसे करुण रस, हास्य, प्रेम, इत्यादि।ये मेरी स्वरचित रचनाएं हैं, जो वैचारिक,आनंदित, भावुक.....अनुभूति देती हैं।
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केवल एक मंच।

2 अक्टूबर 2021
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<div>✍️लेखन की दीवानगी ने, रातों की नींद,</div><div>

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कण-कण में जीवन।

2 अक्टूबर 2021
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<div>🌺 कहीं बरसे बादल.....</div><div>

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सपने रंग-बिरंगे।

3 अक्टूबर 2021
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<div>🌺सच से हैं कितनी दूर,</div><div>

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एक खत....माँ के नाम।😍

3 अक्टूबर 2021
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<div><span style="font-size: 1em;">🌺चाहती हूँ कि आज लिखूं,</span></div><div><span style="font-size:

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संभल कर चलो।

9 दिसम्बर 2021
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<div>🌺जीवन है.....एक लंबा सफर.....संभल कर चलो। </div><div> इश्क़ की....टेढी़-मेढी़

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कुंआ और बाल्टी।

9 दिसम्बर 2021
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<div>डूबना है तो....</div><div> डूबो उस बाल्टी की तरह.....</div><div>&nbs

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जीवन - चक्र।

9 दिसम्बर 2021
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<div>जब आदित्य की लालिमा,पूरब से उभरती है।</div><div>उसकी दिव्य रोशनी से,प्रकृति भी निखरती है।</div>

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सुख दुख के साथी।

9 दिसम्बर 2021
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<div>🌹वादा एक करोगे तुम.... </div><div>

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