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जीवन - चक्र।

9 दिसम्बर 2021

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जब आदित्य की लालिमा,पूरब से उभरती है।
उसकी दिव्य रोशनी से,प्रकृति भी निखरती है।

चलायमान हो जाती वसुधा,नवप्रभात जब आता है।
   उठो,जागो,परिश्रम करो, यह संदेश वह लाता है।

जीवन चक्र निरंतर यूँ ही, चलता जाए सृष्टि में।
परमपिता की शरण में सब,सभी उनकी दृष्टि में।

सांझ भए शीतल हो जाती, सूर्य की वह तीव्र तपन।
 थक हार कर जीवन भी, निद्रा में हो जाए मगन।

                🌺.......🌺🌺.......🌺

Anita Singh

Anita Singh

जीवन भी निद्रा में हो जाये मगन क्या बात हैं

30 दिसम्बर 2021

Arti

Arti

30 दिसम्बर 2021

बहुत बहुत आभार 🙂🙏💐💐

8
रचनाएँ
मेरा इंद्रधनुष 🌈
5.0
यह किताब जीवन के विभिन्न रंगों का एक सुंदर गुलदस्ता है, जिसमें अलग-अलग रंग के फूल हैं......जैसे करुण रस, हास्य, प्रेम, इत्यादि।ये मेरी स्वरचित रचनाएं हैं, जो वैचारिक,आनंदित, भावुक.....अनुभूति देती हैं।
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केवल एक मंच।

2 अक्टूबर 2021
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<div>✍️लेखन की दीवानगी ने, रातों की नींद,</div><div>

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कण-कण में जीवन।

2 अक्टूबर 2021
3
6
2

<div>🌺 कहीं बरसे बादल.....</div><div>

3

सपने रंग-बिरंगे।

3 अक्टूबर 2021
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6
4

<div>🌺सच से हैं कितनी दूर,</div><div>

4

एक खत....माँ के नाम।😍

3 अक्टूबर 2021
5
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6

<div><span style="font-size: 1em;">🌺चाहती हूँ कि आज लिखूं,</span></div><div><span style="font-size:

5

संभल कर चलो।

9 दिसम्बर 2021
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1
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<div>🌺जीवन है.....एक लंबा सफर.....संभल कर चलो। </div><div> इश्क़ की....टेढी़-मेढी़

6

कुंआ और बाल्टी।

9 दिसम्बर 2021
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<div>डूबना है तो....</div><div> डूबो उस बाल्टी की तरह.....</div><div>&nbs

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जीवन - चक्र।

9 दिसम्बर 2021
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<div>जब आदित्य की लालिमा,पूरब से उभरती है।</div><div>उसकी दिव्य रोशनी से,प्रकृति भी निखरती है।</div>

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सुख दुख के साथी।

9 दिसम्बर 2021
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1
2

<div>🌹वादा एक करोगे तुम.... </div><div>

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