shabd-logo
Shabd Book - Shabd.in

अमित तिवारी की डायरी

अमित तिवारी

2 अध्याय
0 व्यक्ति ने लाइब्रेरी में जोड़ा
0 पाठक
निःशुल्क

 

amit tiwari ki dir

0.0(0)

पुस्तक के भाग

1

*🌹🔔नवरात्रि प्रारंभ🔔🌹* नवरात्रि की बहुत बहुत शुभकामनायें। 🌹🌹🌹1🌹🌹🌹 नवरात्री के इस पवन पर्व पर माँ नैना देवी आपके नैनो की रक्षा करे माँ चिंतपूर्णी आपके सभी चिंता दूर करे , माँ कामना देवी आपकी सभी मनोकामना पूरी करे हैप्पी नवरात्री 🌹🌹🌹2🌹🌹🌹 हमको था इंतज़ार वो घडी आ गई .होकर सिंग पैर सवार मातारानी आ गई .....होगी अब मन की हर मुराद माता द्वार आ गई जय माता दी 🌹🌹🌹3🌹🌹🌹 चाँद की चांदनी , बसंत की बहार . फूलो की खुशबु , अपनो का प्यार . मुबारक हो आपको नवरात्री का त्यौहार . सदा खुश रहे आप और आपका परिवार . 🌹🌹🌹4🌹🌹🌹 जगत पालन हार है माँ , मुक्ति का धाम है माँ . हमारी बक्ति के आधार है माँ , हम सब की रक्षा की अवतार है माँ . 'हैप्पी नवरात्रि ' 🌹🌹🌹5🌹🌹🌹 क्या है पापी क्या है घमंडी माँ के दर पर सभी शीस झुकाते मिलता है चैन तेरे दर पे मैया झोली भरके सभी है जाते हैप्पी नवरात्री 🌹🌹🌹6🌹🌹🌹 लाल रंग की चुनरी से सजा माँ का दरबार; हर्षित हुआ संसार! नन

1 अक्टूबर 2016
0
0
0

*🌹🔔नवरात्रि प्रारंभ🔔🌹*नवरात्रि की बहुत बहुत शुभकामनायें। 🌹🌹🌹1🌹🌹🌹 नवरात्री के इस पवन पर्व पर माँ नैना देवी आपके नैनो की रक्षा करे माँ चिंतपूर्णी आपके सभी चिंता दूर करे , माँ कामना देवी आपकी सभी मनोकामना पूरी करे हैप्पी नवरात्री🌹🌹🌹2🌹🌹🌹हमको था इंतज़ार वो

2

*रामायण कथा का एक अंश जिससे हमें सीख मिलती है "एहसास" की* 🙏🏻🙏🏻श्री राम लक्ष्मण व सीता सहित चित्रकूट पर्वत🙏🏻🙏🏻 की ओर जा रहे थे ! राह बहुत पथरीली और कंटीली थी ! सहसा श्री राम के चरणों में एक कांटा चुभ गया ! .🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 फलस्वरूप वह रूष्ट या क्रोधित नहीं हुए, बल्कि हाथ जोड़कर धरती से एक अनुरोध करने लगे ! बोले-"माँ, मेरी एक विनम्र प्रार्थना है तुमसे ! क्या स्वीकार करोगी ?" .😊🙏🏻😊🙏🏻😊🙏🏻😊🙏🏻 धरती बोली-"प्रभु प्रार्थना नही, दासी को आज्ञा दीजिए !" .🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻 'माँ, मेरी बस यही विनती है कि जब भरत मेरी खोज में इस पथ से गुज़रे, तो तुम नरम हो जाना ! कुछ पल के लिए अपने आँचल के ये पत्थर और कांटे छुपा लेना ! मुझे कांटा चुभा सो चुभा ! पर मेरे भरत के पाँव में अघात मत करना, श्री राम विनत भाव से बोले ! .🌳🌹🌳🌹🌳🌹🌳🌹 श्री राम को यूँ व्यग्र देखकर धरा दंग रह गई ! पूछा-"भगवन, धृष्टता क्षमा हो ! पर क्या भरत आपसे अधिक सुकुमार है ? जब आप इतनी सहजता से सब सहन कर गए, तो क्या कुमार भरत नहीं कर पाँएगें ? फिर उनको लेकर आपके चित में ऐसी व्याकुलता क्यों ? .🙏🏻🌷🙏🏻🌷🙏🏻🌷🙏�

13 अक्टूबर 2016
0
0
0

*रामायण कथा का एक अंश जिससे हमें सीख मिलती है "एहसास" की*🙏🏻🙏🏻श्री राम लक्ष्मण व सीता सहित चित्रकूट पर्वत🙏🏻🙏🏻की ओर जा रहे थे ! राह बहुत पथरीली औरकंटीली थी ! सहसा श्री राम के चरणों में एककांटा चुभ गया !.🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹फलस्वरूप वह रूष्ट या क्रोधित नहीं हुए, बल्किहाथ जोड़कर धरती से एक अनुरोध कर

---

किताब पढ़िए