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अंखियों के झरोखों से....

Astha Singhal

10 अध्याय
1 लोगों ने खरीदा
5 पाठक
22 अप्रैल 2022 को पूर्ण की गई

प्यार पर सब का हक है। फिर चाहे वो प्यार हमें किसी भी उम्र में क्यों ना मिले। आदित्य जी और मिनाक्षी जी बहुत अर्से बाद एक दूसरे से मिले। दोनों के पीछे एक अतीत था जिसका साया दोनों के जीवन को प्रभावित कर रहा था। पर क्या हुआ जब दोनों को उनके बच्चों ने एक करने का प्रयास किया? क्या उन दोनों का अतीत उनके वर्तमान पर हावी हो गया? क्या उनके बच्चे उनकी अतीत की परछाइयों को कबूल कर पाए? या फिर वो दोनों एक बार फिर बिछड़ गए? जानने के लिए अवश्य पढ़िएगा ये प्यार भरी छोटी सी प्रेम कहानी। 

ankhiyon ke jharokhon se

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अभी कहानी कुछ ही भाग ही पढ़ पायी हूँ . लेकिन आगे जरूर पढ़ना चाहूंगी, क्योंकि कहानी बहुत ही रोचक और आगे क्या हुआ यह जानने की मन में उत्सुकता जागने में सक्षम हैं, जो एक अच्छी कहानीकार की पहचान होती है और मुख्य बात कहानी हवा में बातें नहीं सच के इर्द-गिर्द बुनी होती प्रतीत होती है, जो पाठक को अंत तक पढ़ने के लिए उत्साहित करती हैं हार्दिक शुभकामनाओं सहित

पुस्तक के भाग

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अंखियों के झरोखों से... भाग १

5 अप्रैल 2022
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आदित्य चौधरी, अभी कुछ माह पहले ही बैंगलूरू के जल बोर्ड बी.डब्लयू. एस.एस. बी. से रिटायर हुए हैं। बैंगलुरू में उन्होंने बीस साल नौकरी की। जल बोर्ड के सर्वेंट क्वार्टर में अपने बेटे अतुल के साथ पंद्रह सा

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अंखियों के झरोखों से....भाग 2

6 अप्रैल 2022
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आदित्य जी ने जैसे ही उस महिला की शक्ल देखी वो आश्चर्य से वहीं खड़े हो गए। उनके हाथ से खुरपी भी नीचे गिर गई। उन्हें अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था। उनकी आंखों में अतीत की लहरें उफान भरने लगीं। उस

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अंखियों के झरोखों से...भाग 3

7 अप्रैल 2022
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आदित्य और मिनाक्षी दोनों अपना सामान बांधे दिल्ली के निज़ामुद्दीन स्टेशन पर खड़े थे। दोनों की आंखों में नमी थी। ये कदम ना चाहते हुए भी उन्हें उठाना पड़ रहा था। यदि वो ये कदम नहीं उठाएंगे तो उनके माता प

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अंखियों के झरोखों से...भाग 4

7 अप्रैल 2022
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घर पहुंच आदित्य जी मिनाक्षी जी के बारे में ही सोचते रहे। कितनी बदल गई है। उन खूबसूरत बोलती आंखों पर को अब चश्मे ने छुपा लिया, साफ दमकते चेहरे पर अब वक़्त ने हल्की झुर्रियां डाल दीं, आंखों के नीचे धकान

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अंखियों के झरोखों से.. भाग 5

8 अप्रैल 2022
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अगले दिन सुबह मिनाक्षी जी तैयार होकर गेट पर आदित्य जी का इंतज़ार कर रहीं थीं। पांच मिनट ऊपर हो चुके थे। और उनका पारा अब सातवें आसमान पर पहुंच चुका था। तभी उन्हें आदित्य जी आते दिखाई दिए। ट्रैक सूट में

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अखियों के झरोखों से..भाग 6

9 अप्रैल 2022
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पूरा घर रौशनी में डूबा हुआ था। चारों तरफ लाइट्स जगमगा रही थीं। गुलाब की खुशबू फिज़ाओं में महक रही थी। सब लोग संगीत की धुन पर झूम रहे थे।आज राम आहूजा और साक्षी आहूजा की सालगिरह थी। उन्होंने अपने सभी दो

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अखियों के झरोखों से...भाग 7

10 अप्रैल 2022
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अक्सर ऐसा होता है कि किसी की ज़िंदगी की कोई छिपी हुई सच्चाई जानते ही हमारा नज़रिया उस व्यक्ति के प्रति बदल जाता है। शायद आदित्य जी और मिनाक्षी जी के बच्चों के साथ भी ऐसा ही हुआ। अभी उन्हें पूर्ण रूप स

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अखियों के झरोखों से... भाग 8

22 अप्रैल 2022
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रात के सन्नाटे में मिनाक्षी जी की चीख से राजीव हड़बड़ा कर उठा और उनके कमरे में दौड़ते हुए पहुंचा। मिनाक्षी जी डरी सहमी सी अपने बिस्तर पर बैठी थीं। उनका सारा बदन पसीने से भीगा हुआ था। राजीव ने पहु

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अखियों के झरोखों से...भाग 9

22 अप्रैल 2022
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"ये आप क्या कह रहे हैं पापा? मां को गुज़रे तो ज़माना हो गया।" अतुल ने कहा"जब मेरी शादी निशा से हुई, उस समय मेरी माली हालत ठीक नहीं थी। मां की बिमारी, घर का खर्चा, डॉक्टर की फीस, दवाइयों का खर्चा, सब म

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अखियों के झरोखों से... अंतिम भाग

22 अप्रैल 2022
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"निखिल से शादी के बाद एक-दो महीने ठीक निकले। हालांकि उनका परिवार बहुत रूढ़िवादी विचारों का था। मेरा संगीत विद्यालय जाना भी उन्हें पसंद नहीं था इसलिए वो भी छोड़ना पड़ा। तीन-चार महीने बाद निखिल का एक अल

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