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अपने जीवन से मिले अनुभवों को अपने लेखन के माध्यम से अपनी कहानियों द्वारा प्रस्तुत करने की कोशिश करती हूं।

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साप्ताहिक लेखन प्रतियोगिता2022-05-29
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-05-04
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2021-11-19

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जो तुम ना हो...

जो तुम ना हो...

ये कहानी है अंजली और अभिनव की जो समाज के रूढ़िवादी विचारों के चलते एक दूसरे से अलग हो गए। दोनों ने अपने परिवार को सम्मान देने के खातिर अपने प्यार की कुर्बानी दे दी। और एक दूसरे की ज़िंदगी से अलग हो गए। पर नियती को कुछ और ही मंजूर था। दोनों एक बार फिर

18 common.readCount
8 common.articles
common.personBought

ईबुक:

₹ 21/-

जो तुम ना हो...

जो तुम ना हो...

ये कहानी है अंजली और अभिनव की जो समाज के रूढ़िवादी विचारों के चलते एक दूसरे से अलग हो गए। दोनों ने अपने परिवार को सम्मान देने के खातिर अपने प्यार की कुर्बानी दे दी। और एक दूसरे की ज़िंदगी से अलग हो गए। पर नियती को कुछ और ही मंजूर था। दोनों एक बार फिर

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चले ना ज़ोर इश्क पे (एक छोटी सी प्रेम-कहानी)

चले ना ज़ोर इश्क पे (एक छोटी सी प्रेम-कहानी)

प्यार - हमारे जीवन का अस्तित्व है। यह एक एहसास है जो दिमाग से नहीं दिल से होता है। सच्चा प्यार वहीं होता है जो अच्छे - बुरे सभी हालातों में हमारा साथ दे। प्यार इंसान को बदल देता है। उसके अंदर एक निर्मल और स्वच्छ भाव पैदा करता है। दुनिया में लोगों ने

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चले ना ज़ोर इश्क पे (एक छोटी सी प्रेम-कहानी)

चले ना ज़ोर इश्क पे (एक छोटी सी प्रेम-कहानी)

प्यार - हमारे जीवन का अस्तित्व है। यह एक एहसास है जो दिमाग से नहीं दिल से होता है। सच्चा प्यार वहीं होता है जो अच्छे - बुरे सभी हालातों में हमारा साथ दे। प्यार इंसान को बदल देता है। उसके अंदर एक निर्मल और स्वच्छ भाव पैदा करता है। दुनिया में लोगों ने

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अंखियों के झरोखों से....

अंखियों के झरोखों से....

प्यार पर सब का हक है। फिर चाहे वो प्यार हमें किसी भी उम्र में क्यों ना मिले। आदित्य जी और मिनाक्षी जी बहुत अर्से बाद एक दूसरे से मिले। दोनों के पीछे एक अतीत था जिसका साया दोनों के जीवन को प्रभावित कर रहा था। पर क्या हुआ जब दोनों को उनके बच्चों ने एक

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₹ 42/-

अंखियों के झरोखों से....

अंखियों के झरोखों से....

प्यार पर सब का हक है। फिर चाहे वो प्यार हमें किसी भी उम्र में क्यों ना मिले। आदित्य जी और मिनाक्षी जी बहुत अर्से बाद एक दूसरे से मिले। दोनों के पीछे एक अतीत था जिसका साया दोनों के जीवन को प्रभावित कर रहा था। पर क्या हुआ जब दोनों को उनके बच्चों ने एक

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डरना मना है!! (गेम ऑफ डेथ)

डरना मना है!! (गेम ऑफ डेथ)

अक्सर जवानी की दहलीज़ पर कदम रखते ही नौजवान पीढ़ी अपने लक्ष्य से भटक जाती है। जवानी के अल्हड़पन में उनसे अनजाने में ही सही कुछ ऐसी गलतियां हो जाती हैं जिसका पछतावा उन्हें उम्र भर करना पड़ता है। नौजवान पीढ़ी पर सबसे ज़्यादा दबाव होता है अपने साथी द

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डरना मना है!! (गेम ऑफ डेथ)

डरना मना है!! (गेम ऑफ डेथ)

अक्सर जवानी की दहलीज़ पर कदम रखते ही नौजवान पीढ़ी अपने लक्ष्य से भटक जाती है। जवानी के अल्हड़पन में उनसे अनजाने में ही सही कुछ ऐसी गलतियां हो जाती हैं जिसका पछतावा उन्हें उम्र भर करना पड़ता है। नौजवान पीढ़ी पर सबसे ज़्यादा दबाव होता है अपने साथी द

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चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 20 (आखिरी भाग)

28 मई 2022
1
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कभी - कभी हम अपनी नफ़रत के चलते कुछ ऐसे फैसले कर लेते हैं जिसके लिए हमें ज़िन्दगी भर पछताना पड़ता है। आयुष भी एक ऐसा ही फैसला लेता है। आदिल उसे बहुत समझाता है पर वह कुछ सुनने और समझने को तैयार ही

चले ना ज़ोर इश्क पे!!भाग 19

28 मई 2022
1
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सुबह से ही आयुष की तबीयत ठीक नहीं थी। फिर भी वो तैयार हो हॉस्पिटल के लिए निकलने लगा। रुबीना- भाईजान आज आपकी तबीयत ठीक नहीं लग रही। आप आज मत जाएं।आयुष- भाभी, मैं ठीक हूं। आज जाना ज़रूरी है। आ

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 18

28 मई 2022
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अगले दिन प्रिया थोड़ा जल्दी हॉस्पिटल पहुंच गई। इस उम्मीद में कि आयुष से अकेले में बात कर पाएगी। पर आयुष उस दिन ओ.पी.डी. शुरू होने के समय पर पहुंचा।आयुष और प्रिया दोनों अपने काम के प्रति बहुत जिम्मेदार

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 17

28 मई 2022
0
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प्रिया सोनल को घर लेकर आती है। सोनल बच्ची को अंदर रूम में सुलाने चली जाती है। प्रिया चुपचाप सोफे पर बैठ जाती है। उसकी बाहर की खामोशी से उसके अंदर चल रहे युद्ध का पता नहीं चल रहा। वह चुपचाप बैठ सोनल क

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 16

28 मई 2022
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आयुष और प्रिया अपने व्यस्त कार्यक्रम में से चंद लम्हे निकाल लेते थे एक दूसरे के साथ बैठकर समय व्यतीत करने के। आयुष कैबिन में प्रिया और प्रीति के साथ एक केस पर बात कर रहा था कि तभी जतिन वहां आया।आ

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 15

28 मई 2022
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जतिन और नेहा, प्रिया को उसके घर से गाड़ी में लेकर जाने के लिए आते हैं। प्रिया- पर जाना कहां है? ये तो बताओ? नेहा- प्रिया, बिना सवाल पूछे चल ले बहन।प्रिया- लेकिन.... ऐसे कैसे? जतिन और ने

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 14

28 मई 2022
1
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अगले दिन आयुष हॉस्पिटल जल्दी पहुंच गया। उसे लगा कि रोज़ की तरह शायद प्रिया भी जल्दी आ जाएगी। सभी इंटर्नस आ चुके थे। पर प्रिया का कहीं कोई पता नहीं था।आयुष- (अंकुर से) अभी डॉक्टर कपूर और डॉक्टर साक्षी

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 13

28 मई 2022
1
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आयुष अपने कैबिन में बैठकर काम कर रहा था। तभी शायना अंदर आई और आयुष को हैरत भरी निगाहों से देखने लगी।आयुष- क्या हुआ? ऐसे क्यों देख रही हो?शायना- देख रही हूं कि कोई अचानक कैसे बदल सकता है। दोस्तों और दो

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 12

28 मई 2022
1
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अगली सुबह आयुष ठीक दस बजे प्रिया के घर के बाहर पहुंच जाता है। प्रिया- (मुस्कुराते हुए) गुड़ मॉर्निंग आयुष- (मुस्कुराते हुए) गुड़ मॉर्निंग, आप तैयार हैं तो चलें।प्रिया- ( कमला ताई को आवाज़ दे

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 11

28 मई 2022
1
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थोड़ी देर में आयुष प्रिया को उस बताई जगह पर ले आता है। आयुष- डॉक्टर कपूर, एक शर्त है। आप तब तक आंखें नहीं खोलेंगी जब तक मैं नहीं कहूंगा। ( गाड़ी से उतर कर वह प्रिया की तरफ का दरवाज़ा खोलता है) आइ

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