Astha Singhal
अपने जीवन से मिले अनुभवों को अपने लेखन के माध्यम से अपनी कहानियों द्वारा प्रस्तुत करने की कोशिश करती हूं।
जो तुम ना हो...
ये कहानी है अंजली और अभिनव की जो समाज के रूढ़िवादी विचारों के चलते एक दूसरे से अलग हो गए। दोनों ने अपने परिवार को सम्मान देने के खातिर अपने प्यार की कुर्बानी दे दी। और एक दूसरे की ज़िंदगी से अलग हो गए। पर नियती को कुछ और ही मंजूर था। दोनों एक बार फिर
जो तुम ना हो...
ये कहानी है अंजली और अभिनव की जो समाज के रूढ़िवादी विचारों के चलते एक दूसरे से अलग हो गए। दोनों ने अपने परिवार को सम्मान देने के खातिर अपने प्यार की कुर्बानी दे दी। और एक दूसरे की ज़िंदगी से अलग हो गए। पर नियती को कुछ और ही मंजूर था। दोनों एक बार फिर
चले ना ज़ोर इश्क पे (एक छोटी सी प्रेम-कहानी)
प्यार - हमारे जीवन का अस्तित्व है। यह एक एहसास है जो दिमाग से नहीं दिल से होता है। सच्चा प्यार वहीं होता है जो अच्छे - बुरे सभी हालातों में हमारा साथ दे। प्यार इंसान को बदल देता है। उसके अंदर एक निर्मल और स्वच्छ भाव पैदा करता है। दुनिया में लोगों ने
चले ना ज़ोर इश्क पे (एक छोटी सी प्रेम-कहानी)
प्यार - हमारे जीवन का अस्तित्व है। यह एक एहसास है जो दिमाग से नहीं दिल से होता है। सच्चा प्यार वहीं होता है जो अच्छे - बुरे सभी हालातों में हमारा साथ दे। प्यार इंसान को बदल देता है। उसके अंदर एक निर्मल और स्वच्छ भाव पैदा करता है। दुनिया में लोगों ने
अंखियों के झरोखों से....
प्यार पर सब का हक है। फिर चाहे वो प्यार हमें किसी भी उम्र में क्यों ना मिले। आदित्य जी और मिनाक्षी जी बहुत अर्से बाद एक दूसरे से मिले। दोनों के पीछे एक अतीत था जिसका साया दोनों के जीवन को प्रभावित कर रहा था। पर क्या हुआ जब दोनों को उनके बच्चों ने एक
अंखियों के झरोखों से....
प्यार पर सब का हक है। फिर चाहे वो प्यार हमें किसी भी उम्र में क्यों ना मिले। आदित्य जी और मिनाक्षी जी बहुत अर्से बाद एक दूसरे से मिले। दोनों के पीछे एक अतीत था जिसका साया दोनों के जीवन को प्रभावित कर रहा था। पर क्या हुआ जब दोनों को उनके बच्चों ने एक
डरना मना है!! (गेम ऑफ डेथ)
अक्सर जवानी की दहलीज़ पर कदम रखते ही नौजवान पीढ़ी अपने लक्ष्य से भटक जाती है। जवानी के अल्हड़पन में उनसे अनजाने में ही सही कुछ ऐसी गलतियां हो जाती हैं जिसका पछतावा उन्हें उम्र भर करना पड़ता है। नौजवान पीढ़ी पर सबसे ज़्यादा दबाव होता है अपने साथी द
डरना मना है!! (गेम ऑफ डेथ)
अक्सर जवानी की दहलीज़ पर कदम रखते ही नौजवान पीढ़ी अपने लक्ष्य से भटक जाती है। जवानी के अल्हड़पन में उनसे अनजाने में ही सही कुछ ऐसी गलतियां हो जाती हैं जिसका पछतावा उन्हें उम्र भर करना पड़ता है। नौजवान पीढ़ी पर सबसे ज़्यादा दबाव होता है अपने साथी द