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5 किताबें
<p><br></p> <p><br></p> <p><u><strong>एक पुष्प की अभिलाषा 🌹😀</strong></u></p> <p>तो बहनों और भाइयो
<p><u><strong>दिल तो बच्चा है जी ♥️</strong></u></p> <p>सच में दिल तो बच्चा ही है💕💞💓पर हमने उस बच
<p><u><strong>एक बिंदिया का सफ़र</strong></u></p> <p>इस बढ़िया लाजवाब शीर्षक पर अमिताभ बच्चन और जया
<p><br></p> <p><strong>मन रूपी पंछी 🕊️</strong></p> <p>बहुत दिनों से मन का पंछी🕊️ खुले आसमान में व
<p><strong>स्कूल की यादें</strong></p> <p>🌺स्कूल की यादें हैं कितनी सुहानी,<br> <br> छिपी है इनमें
<p><strong>सफलता का मंत्र</strong></p> <p>सफलता होती क्या है? और इंसान की ज़िंदगी में कितनी अहमियत र
<p><br></p> <p><strong>यादों के पन्नों से</strong></p> <p>गुज़र रही है जिन्दगी कुछ ऐसे,<br> <br> मान
<p><br></p> <p>जिसकी एक मुस्कुराहट से,<br> <br> दिल की हर तमन्ना पूरी हो जाती थी,<br> <br> जिसके एक
<p>बूढ़ा बरगद</p> <p>कोर्ट के बाहर एक विशाल बरगद का पेड़ था। लगभग सत्तर-अस्सी साल पुराना। उसकी छांव
<p> शून्य</p> <p>प्राजक्ता बचपन से ही बहुत चंचल स्वभाव की थी। दिखने में भी वो बहुत सुन्दर
<p><u><strong>ले चल मुझे भी वहां</strong></u></p> <p>ले चल मुझे भी वहां...</p> <p>जहां ना गम हो, ना
<p><br></p> <p><br></p> <p>वो सुहाने दिन</p> <p><br></p> <p>वो बेफिक्र सी ज़िन्दगी,</p> <p>वो मस्ती
<p><u><strong>इससे मज़ेदार ज़िन्दगी और क्या होगी!!</strong></u></p> <p><br></p> <p>बसंत की वो खिलखिल
<p>दीनदयाल जी रोज़ सुबह नित्य कर्म से निवृत्त होकर अपने बगीचे में बैठकर चाय की चुस्की लेते हुए नियमि
<p><strong> खिलखि
कौन है वो???? वो एक मां है, जो अपनी ख्वाहिशों से पहले अपने बच्चों की ख्वाहिशों को रखती है। कौन है वो? वो एक पत्नी है, जो अपने आराम से पहले अपने पति के आराम की फ़िक्र करती है। कौन है वो? वो एक बह
नसीब नसीब से चलती है दुनिया में सारी, इसके आगे नतमस्तक है ज़िंदगी हमारी। नसीब दिखाता है खेल निराले, नचाता है हमें बनकर मदारी। जिसके हाथ में नसीब की रेखा होती है, उसे
प्यार क्या है?? प्यार एक एहसास है, जो बोला नहीं जाता, केवल महसूस किया जाता है। प्यार एक खुबसूरत रिश्ता है जिसमें "मैं" की भावना नहीं होती, केवल "हम" का प्रयोग होता है। प्यार एक महकती सुबह है, जिसमे
हमारी ज़िन्दगी में हमारा सच्चा साथी हमारा आईना है। क्योंकि ये हमसे कभी झूठ नहीं बोलता। भले ही हमारे अपने हमारा दिल रखने के लिए हमसे झूठ बोल देते हैं पर आईना कभी हमसे झूठ नहीं बोलता। हमारा असली चेहर
ज़िन्दगीज़िन्दगी में किसी इंसान के आदि मत बननाक्योंकि इंसान से ज़्यादा ख़ुदग़र्ज़ कोई नहींइंसान
तुम बिनतुम बिन, ज़िन्दगी यूं ही गुज़र रही हैलौट आओ, सांसों की डोर उखड़ रही है।तुम बिन, ख्वाबों को दिशा मिलती ही नहींलौट आओ, ज़िन्दगी बड़ी बेरंग सी लग रही है।तुम बिन, हंसी होंठों तक आती ही नहींलौट आओ,
खामोशियों की कोई ज़ुबान नहीं होती,पहुंच ही जाती है दिल की बात उन तक,भले ही फिर चाहे रोज़ बात नहीं होती।खामोशियां अक्सर हमें वो कह जाती हैं,जो हम
उनसे मिलने की ख्वाहिश में हर रोज़ मरते रहे,वो ना आए पर हम इंतज़ार करते रहे।भले झूठा ही था मेरे यार का वादा,पर हम तो सच मानकर एतबार करते रहे।कितनी आसानी से भुला दिया उसने हमें,और हम आज तक भूलने की नाक
जैसे चांद की दोस्ती रात से सुबह तक,जैसे सूरज की दोस्ती सुबह से शाम तक,वैसे ही ऐ दोस्तों हमारी-तुम्हारी दोस्ती,पहली मुलाकात से आखरी सांस तक।बेशक थोड़े कम मिले मुझे,पर दुनिया के सबसे हसीन दोस्त मिले मुझ
वो मेरी सबसे प्यारी सहेली है,पर हरदम लगती एक पहेली है।मेरी आंखों के आंसुओं को पोंछमुझे मेरे होने का एहसास दिलाती है।मेरे कमज़ोर हाथों को थाममेरा साथ हर वक़्त निभाती है।मेरे दर्द भरे होंठउसे देखते ही ख
ज़िन्दगी का पहला उसूल है जनाब,ये तभी हम पर मुस्कुराएगी,जब हम इस पर मुस्कुराएंगे।ज़िन्दगी का दूसरा उसूल है जनाब,कि इसके गुज़रे बुरे वक़्त को नहीं,बल्कि यादगार लम्हों को याद रखो।ज़िन्दगी का तीसरा उसूल ह
प्रिय समाज,आज इस पत्र के माध्यम से तुमसे बात करने का मौका मिला है। ये पूछना कि तुम कैसे हो, शायद तुम्हारा उपहास उड़ाने के बराबर होगा। क्योंकि, हम सब जानते हैं कि तुम किस दयनीय अवस्था में हो। दुनि
शहरीकरण ने हमारे पर्यावरण को नष्ट कर दिया है। ऊंची ऊंची बिल्डिंग बनाने के जुनून ने पेड़ों को मोती के घाट उतार दिया है। बढ़ती जनसंख्या और उनके बढ़ते अरमान का भुगतान हमारे पेड़ कर रहे हैं। ऐसी ही ए
कुछ रिश्ते छूट जाते हैं, पर टूटते नहीं। दिल से दिल की डोर इतनी मज़बूत होती है कि उन्हें तोड़ना बहुत मुश्किल होता है। कभी-कभी चाह कर भी हम उन रिश्तों को अपने से दूर नहीं कर पाते। भले ही कितने सालो
मां तुम्हारी एक मुस्कान,घर को महका देती है,जब तुम नहीं होती तो सब सूना सा लगता है।तुम्हारी डांट से,दिल को सुकून मिलता है,घर में हर पल,तुम्हारे होने का एहसास रहता है।तुम रूठ जाती हो तो,दिल बेचैन ह