सबसे पहले मुँह अँधियारेउठकर काम में लग जाती माँफिर चिड़ियाँ चहचाती आँगन मेंभोर सी उजियारी लगती माँ।जब भी कोई मुश्किल आतीअपने ऊपर ले लेती माँकठिन डगर पर सही रास्ताहम सबको दिखलाती माँ।चाहे कितना कठिन समय
माँ तेरा यह अर्पण, मेरा जीवन कर गया तर्पण। जन्म से पहले पोषण दिया चुकाया हर सम्भव हर दाम धैर्य भाव से काम किया सम्हाला हर पल हर क्षण माँ तेरा यह अर्पण , मेरा जीवन कर गया तर्पण। जन्म
हाँ मैंने देखा है भगवान को,मैं रहा हूँ कई साल उसके करीब।यों तो मिलता है यह भगवान सबको;जीवन में अवश्य एकबार। मगर पहचानते हैं इसे वो ही;जिनके अच्छे होते हैं नसीब।। मैं उस भगवान की गोद में खेला
गलती से छुटकारा पाना है मुश्किल, क्या गलत है और क्या सही, कह पाना है मुश्किल। यहां सबके अपने स्वार्थ है, दुनिया के सुंदर पदार्थ है। आदम और हव्वा ने क्या गलत किया, मात्र एक फल जो वो खा लिया। जिसके लिए