माँ तेरा यह अर्पण,
मेरा जीवन कर गया तर्पण।
जन्म से पहले पोषण दिया
चुकाया हर सम्भव हर दाम
धैर्य भाव से काम किया
सम्हाला हर पल हर क्षण
माँ तेरा यह अर्पण ,
मेरा जीवन कर गया तर्पण।
जन्म की पीड़ा सही
फिर लिंग भेद का डर सताया
अपना गम भुलाकर
कुल का नाम किया रोशन
माँ तेरा यह अर्पण,
मेरा जीवन कर गया तर्पण।
कितनी फिक्र की हमारी
गलत और सही राह पर
यौवन अपना खोकर
महकाया है घर आँगन
माँ तेरा यह अर्पण,
मेरा जीवन कर गया तर्पण।
बचपन बिता जवानी आई
गुड्डे-गुड़िया की शादी रचाई
माँ बनकर हर रस्म निभाया
अब फीकी पड़ी चुड़ी कंगन
माँ तेरा यह अर्पण,
मेरा जीवन कर गया तर्पण।
एक माँ में शक्ति समायी
कभी दुर्गा तो कभी काली
ये सृष्टि भी तो है एक माँ
हर रुप निहारता दर्पण
माँ तेरा यह अर्पण,
मेरा जीवन कर गया तर्पण।
save tree🌲save earth🌍&save life♥️