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अपराध

15 अगस्त 2015

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अपराध जो अबतक एक अनियोजित सेक्टर था अब लगता है सुनियोजित सेक्टर होता जा रहा है । कुछ लोगो का मानना है कि अपराध के क्षेत्र में सिर्फ पुरुषो का ही एकाधिकार है पर हाल की कुछ घटनाओं ने इस धारणा को बदलने का प्रयास किया है । इसमें पहली घटना है डेबिट / क्रेडिट कार्ड की जानकारी जुटाने की । मेरे एक मित्र है उनके फोन पर एक महिला ने काल किया और बताया कि मैं एच डी एफ सी बैंक के कार्ड डिविसन से बोल रही हूँ , आप हमारे कंपनी का कार्ड इस्तेमाल करते है इसके लिए आपको धन्यवाद। हमारे बैंक की तरफ से आपके लिए एक विशेष गिफ्ट का ऑफर है । इसमें आपको तीन हजार रुपये का गिफ्ट दिया जाना है । गिफ्ट देने से पहले मैं कनफर्म करना चाहती हूँ कि में सही व्यक्ति से ही बात कर रही हूँ इसका वेरिफिकेशन करना जरूरी होगा । हमारे बात रिकार्ड हो रही है । मित्र ने वेरिफिकेशन करवाने के लिए हामी भर दिया । उनसे सबसे पहला सवाल किया गया कि आप अपने कार्ड के पीछे देख कर बताइये एक लोग होगा वो लोगो मास्टर कार्ड का है या क्या बना हुआ है । मित्र ने निशान के बारे में बता दिया । अगले कुछ प्रश्नों में उन्होने अपने कार्ड के बारे में समस्त जानकारी दे दिया । सौभाग्यवश मैं उनके पास ही खड़ा था । मैंने उनसे पूछ लिया कि क्या बात कर रहे थे । उन्होने सारा वाकया बताया । मन में कुछ शंका हुई । हमने तुरंत बैंक के काल सेंटर में बात किया और इस काल के बारे में जानकारी मांगा । हमें बैंक से बताया गया कि उनके तरफ से ऐसी कोई काल नही की गई है । और यदि कोई ऑफर होता है तो बैंक उसे कस्टमर के मेल पर जानकारी दे देती है । ग्राहक से बात करके उसके कार्ड का विवरण नही पूछती है । मित्र के कार्ड को तुरंत ब्लॉक करवाया गया । वो तो बच गए किन्तु बहुत सारे लोग इस ठगी के शिकार हो जाते हैं । एक दूसरी घटना है जिसमें हमारे कार्यालय के एक कार्मिक को फोन आया कि उनका डेबिट कार्ड ब्लॉक हो गया है । उसको फिर से चालू करवाने के लिए कुछ वेरिफिकेशन करवाना होगा । इसके बाद ही उनका कार्ड चालू हो पाएगा । उन्होने वेरिफिकेशन के लिए अपने कार्ड के बारे में सारी जानकारी दे डाला । सौभाग्य वश उन्हे पास में खड़े किसी मित्र ने सजग किया और वो तुरंत बैंक जाकर अपने कार्ड को ब्लॉक करवाए । एक और घटना में एक मित्र के पास फोन आया कि में स्टेट बैंक कार्ड मैनेजर बोल रहा हूँ । बैंक ने अपने खाताधारको के ए टी एम कार्ड में बदलाव करना शुरू किया है । अब नया कार्ड ग्राहक के फोटो के साथ जारी होगा जिससे कार्ड चोरी होने या खो जाने पर कोई और इस कार्ड का प्रयोग नही कर सकता है । आपका फोटो लगाने के लिए हमे कुछ जानकारी चाहिए । मित्र थोड़ा समझदार थे , उन्होने जांकारे देने से मना किया तो उन्हे बताया गया कि आज सुबह से ही बैंक ने अपने सभी खाताधारको के कार्ड ब्लॉक कर दिया है । हमे ग्राहको से जानकारी लेकर उनके विवरण को अपडेट करना है । डिटेल देने के बाद ही आपका कार्ड चालू हो पाएगा । यदि डिटेल मैच नाही किया तो आपकी खाते में जमा रकम जप्त हो सकती है । मित्र अपनी जमा रकम खोने के भय से डार्ड अपने खाते का विवरण देने वाले ही थे कि सौभाग्यवश उनके फोन की बैटरी खत्म हो गई और फोन ऑफ हो गया । वो तो बच गए पर ऐसे कई लोग हैं जो इस प्रकार के फोन काल के झांसे में आ जाते हैं और अपनी जमा पूंजी गवां बैठते है । गाहे बगाहे मेरे पास भी ऐसे फोन आते रहते हैं । बैंक खाते से इतर एक दूसरे प्रकार की ठगी भी चल रही है जिसमें फोन करने वाला खुद को इन्स्युरेंश अथॉरिटी ऑफ इंडिया का प्रतिनिधि बताते हैं और आपसे पूछते हैं कि आपके पास जो बीमा की पॉलिसी है उसके बारे में जानकारी देना है । बीमा कंपनी या अजेंट की तरफ से कोई तकलीफ तो नही हो रही है । आपकी किसी असुविधा के निवारण के लिए भारत ह सरकार ने हमारी संस्था बनाई है । और फिर इसके बाद आपसे कई सारी जानकारी ली जाती है। यहाँ कुछ चुराया तो नही जाता लेकिन आपको गुमराह करके आपसे पैसे वसूल किए जाते हैं ।
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स्वतंत्रता दिवस मित्रों के साथ

15 अगस्त 2015
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विदाई विल्फ्रेड ओवेन की कविता का अनुवाद

15 अगस्त 2015
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रात के अँधेरे में ,शंटिंग ट्रेनों के खेमे में विधवाओं सी सजी संवरी उन्मुक्त नव यौवनाये फटे ढोलों की थाप पर विदाई के कुछ गीत गा रही थी, लगता था जैसे किसी के मौत का मातम मना रहीं थी |थके राही, हताश कुलियों का मंजर यह सब निहार रहा थाइस गुप्त अँधेरे में ,गाड़ी के ठसाठस भरे डब्बे में सीमा पर लड़ने गुमनाम

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जब फौजी का शव घर आया (अल्फ्रेड लार्ड टेन्निसन की कविता "होम दे ब्रॉट हर वारियर डेड" का अनुवाद)

15 अगस्त 2015
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ना चीखी , ना चिल्लाई , ना ही पीटा छाती उसने,पास खड़ी सखियाँ सोचें हैरत से ,हुआ अजूबा कैसा भाई ,ना रोइ तो मर जाएगी, विधवा सखी विचारी | करें जतन अब कैसे हम सब मिलकर सारी |उसकी तारीफ के कसीदे पढ़े , महानता की कहानियां गढ़े ,ना लब हिले , ना नैनों के पट झपके ,ना ही नीर बहे नैनन से |पास खड़ी बुढ़िया माई ने

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अपराध जो अबतक एक अनियोजित सेक्टर था अब लगता है सुनियोजित सेक्टर होता जा रहा है । कुछ लोगो का मानना है कि अपराध के क्षेत्र में सिर्फ पुरुषो का ही एकाधिकार है पर हाल की कुछ घटनाओं ने इस धारणा को बदलने का प्रयास किया है । इसमें पहली घटना है डेबिट / क्रेडिट कार्ड की जानकारी जुटाने की । मेरे एक मित्र है

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साँपों की पहचान एवं सर्पदंश की चिकित्सा

5 जुलाई 2016
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