ग्रामीण अंचल में पली बढ़ी लड़की का ग्रामीण-शहरी माहौल में आकर उस माहौल की दिक्क़ते झेलते हुए ख्वाब बुनने और उन खाव्बो को कभी हकीकत बनते और कभी ढेर होते देखने की कहानी .
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<p>राधा घर में अकेले बैठी थी । अचानक गुजरे जमाने की बातें याद आने लगी ।</p> <p>उस समय उसकी उम्र 19-
<p>कहने के लिए तो यह कलकत्ता था, पर माहौल पूरा देहाती ही था । कलकत्ता शहर के दूर शिल्पांचल का एक छोट
<p>अब धीरे-धीरे ससुराल में रमने लगी थी । आस पास के लोगों से परिचय हो गया । गाहे- ब
<p>पता चला कि मोहन की पोस्टिंग अब चंडीगढ़ हो गई है । कुछ ही दिनों में वो चंडीगढ़ चले जाएंगे । &n