shabd-logo

डर लगता है

24 जनवरी 2023

10 बार देखा गया 10

डर लगता है उन बातों से,

जो सच्चाई पचा नहीं पाते हैं।

जिसके खिलाफ बोल दिया,

जो लोगों को धमकाते है।।


साजिश क्यों रचते हो सत्य पर,

सत्य सुनने की हिम्मत रखना।

प्रमाण अगर तुम रखते हो,

अपने पथ से क्या रूकना।।


विचार अभिव्यक्ति का, 

जन-जन का अधिकार है।

क्यों बौखलाते हो तुम लोगों पर,

यह तेरा अंहकार है।।


जुबान खोलने से डर लगता,

जीवन दुष्कर हो जायेगा।

अगर किसी के अस्तित्व पर तन,

तू उंगली उठायेगा।।


कट्टरता का ताज पहनकर,

जो पर्दे पीछे छुप वार करें।

अपना पराया कर घृणा फैलाते,

मानवता पर प्रहार करे।।


डर लगता है उन बाणों से,

जो छुपकर छोड़ रहे दुनिया में।

पहने चोला मानवता का,

दैत्य छुपा है उसके मन में।।


हर तरफ अंधेरा छाया,

लोगों को जो उकसाते हैं।

जो अपने को ज्ञानी साबित करने,

घृणा के बीज उगाते हैं।।

21
रचनाएँ
अनसुने अल्फाज
0.0
इस पुस्तक के माध्यम से स्वरचित कविता,गीत ,ग़ज़ल और शेरों का संगम होगा जो समाज में होने वाली दैनिक घटनाओं और समाज में होने वाले परिवर्तन पर आधारित होगा।
1

सपनों का संसार छोड़ चली गई

3 जनवरी 2023
3
1
1

क्या लिखूं मेरी डायरी में,मेरा दिल अंदर से कांप गयाजब सुना वह गई थी नई साल मनाने,अपनी जिंदगी को खोकर आई उन शराबी दरिंदों के हाथजो अपनी जिंदगी के होश खो बैठे।कैसे खो जाते हैं लोग होश,अमीरी और शरा

2

वन्दे भारत और गरीब

5 जनवरी 2023
1
0
0

तु आई है नई नवेली दुल्हन की तरह,सजी-धजी सी लोगों के मन के बहारों की तरह।मेरे लिए कुछ खास लेकर आई हैमेरे सपनों की सौगात लेकर आई हैमै तेरी तस्वीरें दीदार कर सकता हूंक्योंकि मैं सूखे रोटियां खा पलती हूं।

3

दिल्ली की सर्दी

6 जनवरी 2023
2
1
0

कंपकपाते हाथ और रूकते हुए पैर,हाड़ कंपकपा देती है दिल्ली की सर्दी।रजाई से बाहर निकलने का मन नहीं करता,उड़ती है हर तरफ बर्फ की गर्दी।।चौराहे पर बैठे मासूम से बच्चे की कंपकपाहट,जो दिल का सीना चीर देती ह

4

कंझावला केस दिल्ली

7 जनवरी 2023
1
0
0

दर्दनाक वह मंजर था।पांच दरिंदों का खंजर था।जो नशे में चूर हो निकले थे।जहां मानवता का दिल बंजर था।किसी के सपनों की गुड़िया थी।किसी के आंगन की खुशियां थी।अरमान थे कितने सीने में।विश्वास रखती थी वह जीने

5

मंजिल तेरी तेरे हाथों में

8 जनवरी 2023
1
0
0

मजबूरियां सभी की होती है लेकिन असफल सभी नहीं होते।राह कठिन सभी की होती है लेकिन मंजिल सभी नहीं खोते।हीरे को घिसने के बाद, जैसे चमक आती है।जिंदगी के संघर्षों से,जिंदगी निखर जाती है।इरादे

6

नमन है कोरोना वीरों को

11 जनवरी 2023
0
0
0

त्याग और सेवा की मूर्ति जो मानवता के लिए शहीद हो गए।जो थके नहीं तनिक काम करते कोरोना के वक्त में बलिदान हो गए।।स्पर्श से डर लगता था,अछूत की बीमारी थी।घर से निकलने से डर लगता,सुनसान सड़क सारी

7

जोशीमठ की पीडा

12 जनवरी 2023
1
0
0

जहां बसती दुनिया अतीत की,पीड़ा मेरे जीवन के गीत की।अश्क रूकने से नहीं रूकते,कैसी करामात कुदरत के करतूत की।।जो आशियाना बने थे पीढ़ियों से, सपनों की दुनिया न्यारी थी।उजड़ते देख नहीं सकते, पीड़ा हर दिल क

8

कोराना तूने क्या खेल किया

14 जनवरी 2023
1
0
0

याद रहेगा वह साल सदा हमेंजब सांस रुक गई दुनिया कीहर तरफ छा गया सन्नाटासड़कें सूनी थी हर पथ की।।चीखें निकल रही हर तरफ,ऐसा तांडव मचाया था।अस्पतालों में जगह नहीं बची,लाशों का ढेर लगाया था।कीमत नहीं रही द

9

घृणा के दूत बने फिरते

15 जनवरी 2023
0
0
0

जो अपने आप को शेर समझ रहे हैं, व्यर्थ मद के चक्कर में। क्यों छुपकर हमला करते हैं,आ जाओ सीधे टक्कर में। वे गुणहीन कंगाल है, दुनिया के इस मेले में। वे नफरत मुफ्त में बेच रहे,नाकामी के ठेले में। सं

10

तुगलकाबाद का अतिक्रमण

16 जनवरी 2023
1
0
0

दोषी कौन है इस मंजर का,जो खेल हो खंजर का।<div>अतीत खंगाल तुम देखो जरा,क्या होगा जीवन बेघर का।</div><div>सरकारी सम्पत्तियों पर, अतिक्रमण का मौका क्यों देते।</div><div>चारागाहों पर कब्जा करने,अफसर घूस य

11

बेरोजगारी की पीडा

17 जनवरी 2023
1
0
0

घबराहट दिल में होती है, उम्मीद मिल गई मिट्टी में।मेहनत का मनोबल टूट गया,विफल हुए रोजी-रोटी में।अथक श्रम के बलबूते पर, सपने सजाये लक्ष्य हासिल होगा।पता नहीं था भविष्य मे, हमारे सपनों का कोई कातिल होगा।

12

अपने अंदर झांक ले जरा

18 जनवरी 2023
1
0
0

अपने अंदर झांक लो जरा,आप किस राह के राही हो।इंसानियत के पथिक हो,दैत्य चरित्र के राही हो।कहीं गुलाम तो नहीं।दकियानूसी विचारों के अंधविश्वास, पाखंडवाद केकहीं मानव हीन व्यवहारों के।समानता के विरोधी

13

यौन शोषित पीड़िता की कलम से

19 जनवरी 2023
1
0
0

मैं चंचलता मन में रखती थीहंसते मुस्कुराते चेहरे के साथमैं किसी के आंगन की चिड़िया थी उड़ती थी सपनों की उड़ानों के साथ।।हे मनुष्य क्या हो गया हैतेरी इस हीन सोच कोवासनाओं के वशीभूत होबदल चुका गंदी

14

अंधभक्ति के गीत गाता हूं

20 जनवरी 2023
0
0
0

मैं ईश्वर के अस्तित्व पर उंगली नहीं उठा रहा हूं।मैं अंधभक्ति के बेहूदगी के नगमे गा रहा हूं।नहीं जाता हूं संसार के किसी कोने में मैं।अपने ही लोगों की हालत बता रहा हूं।बैठ जाते हैं भाग्य के भरोसे कृपा ह

15

डर लगता है

24 जनवरी 2023
1
1
0

डर लगता है उन बातों से,जो सच्चाई पचा नहीं पाते हैं।जिसके खिलाफ बोल दिया,जो लोगों को धमकाते है।।साजिश क्यों रचते हो सत्य पर,सत्य सुनने की हिम्मत रखना।प्रमाण अगर तुम रखते हो,अपने पथ से क्या रूकना।।विचार

16

गरीबी और शिक्षा को भूल गए हैं लोग

24 जनवरी 2023
0
0
0

मेरे देश के लोगों तुम्हें मुद्दा चाहिएकभी राजनीति का,कभी धर्म नीतिकभी अन्याय का कभी अनीति काकोई नहीं कहता मैं देश का, सेवक बन भविष्य बालक का बनाऊंगा।मैं बनकर स्वामी मानवता का ,देश की गरीबी हटाऊंग

17

पंथनिरपेक्ष

25 जनवरी 2023
0
0
0

संविधान के पन्नों पर ,पंथनिरपेक्ष एक लफ्ज़ है।जो कभी-कभी बेबस हो जाती है।व्याकुल हो जाती है।आ जाती है धार्मिक कट्टरता की चपेट में।क्योंकि गीला और सूखा सब जलता, जलती आग की लपेट में।कोई कहता है हम हिंदू

18

तिरंगा

25 जनवरी 2023
0
0
0

संविधान हमारा कानून की पोथी,पवित्र ग्रंथ हमारा है।शपथ ग्रहण करें सब मिलकर,संविधान का पालना लक्ष्य हमारा है।।इंडिया गेट पर आज तिरंगा,अम्बर में लहराता है।त्याग और बलिदान वीरों का,हमको याद दिलाता है।।हरा

19

दूसरे मत सोचों

27 जनवरी 2023
0
0
0

मेरी ऊर्जा दूसरे के भले के लिए अवश्य काम आए।लेकिन दूसरे की कमियां खोजने में,ना व्यर्थ चली जाए।।दूसरों के सुख देखकर ,जब जलते हैं लोग।गंवाते हैं अपनी ऊर्जा व्यर्थ,उसको गिराने को मचलते हैं लोग।।दूसर

20

सफलता की कुंजी

29 जनवरी 2023
1
0
2

जीवन एक संघर्ष, परिश्रम सफलता की कुंजी है।मानव की तकदीर कर्मों की एक कुंजी है।।आत्मविश्वास के साथ जीवन पथ पर आगे बढ़े चलो।राह के हर कंटक से डरो मत हिम्मत करके आगे बढ़ो।।मंजिल भी मिलेगी सफलता कदम चूमेग

21

नफरत नहीं मुझे ईश्वर से

29 जनवरी 2023
0
0
0

नफरत नहीं मुझे ईश्वर से,नफरत है धर्म रखवालों से।आस्था से द्वेष नहीं, द्वेष मानवता के नफरत वालों से।वर्तमान के भारत में,क्या दोष दिखाई देता हैं।पंथनिरपेक्ष राज्य में , मतभेद दिखाई देता है।हम बहुसंख्यक

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए