निरंकार तू ही निरंकार
निरंकार तू ही निरंकार ,
तेरे अंदर कुल संसार
निरंकार दे नाल ही उठना,
सोना , बैना, खाना है
निरंकार है उस दे अंदर ,
जिसने ओनहू पछना है.
तू चाहे तन राजे नु फ़क़ीर,
ते फ़क़ीर नु करदे राजा
धन दौलत दा मान न कर बन्दे
इस दी शरणी तू आजा
निरंकार तू ही निरंकार
तेरे अंदर